देश के 5 प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दो राज्यों में चुनाव शुरु हो चुके है जबकि अन्य 3 प्रदेशों में 6 अप्रैल को चुनाव होंगे। बीजेपी इन राज्यों में सरकार बनाने की कोशिशों में लगी है। लेकिन बीजेपी शासित कुछ राज्यों में कथित तौर पर इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है।
सत्तारुढ़ पार्टी के अपने ही मंत्री और विधायक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उत्तराखंड में भी ऐसा ही देखने को मिला जिसके बाद बीजेपी को सीएम बदलना पड़ा था। अब कर्नाटक (Karnataka) की सियासत में भी इन दिनों सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है।
इसी बीच बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के मंत्री ने उन्हीं के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री उनके विभाग के कामकाज में दखल देते हैं।
बिना अनुमति के कर दिया 774 करोड़ का आवंटन
कर्नाटक सरकार में मंत्री के रुप में काम कर रहे बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) ने इसे लेकर कर्नाटक के राज्यपाल और बीजेपी नेतृत्व से शिकायत की है। राज्यपाल वजुभाई वाला (Vajubhai Wala) को लिखे पत्र में ईश्वरप्पा ने बीएस येदियुरप्पा पर कर्नाटक व्यापार का लेन-देन नियम 1977 का उल्लंघन करते हुए अपने मंत्रालय में सीधे हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। मंत्री ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने उनके विभाग से बिना अनुमति लिए 774 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया।
अगर ऐसा ही जारी रहा तो…
मंत्री ने कहा, सीएम ने बेंगलुरु में एक जिले के लिए उनके विभाग से 65 करोड़ रुपये आवंटित किए और इस दौरान उन्होंने बाकी लोगों को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा, दुख की बात यह है कि सीएम ने जानबूझकर उन्हें नजरअंदाज करते हुए ये आदेश जारी किए। ईश्वरप्पा ने कहा कि अगर ऐसा ही जारी रहा तो न जाने वे मंत्री के तौर पर काम कर पाएंगे भी या नहीं।
मोदी, शाह और नड्डा को भेजा पत्र
बता दें, येदियुरप्पा के मंत्री ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस मामले में पत्र भेजा है। सरकार के मंत्री के ऐसे तेवर को लेकर विपक्षी पार्टियां प्रदेश की बीजेपी सरकार को निशाने पर ले रही है।
प्रदेश की सियासत में इससे पहले भी सत्ताधारी पार्टी के विधायक अपनी ही सरकार को निशाने पर ले चुके हैं। पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिली थी। जिसे लेकर भी बवाल मचा था।