भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में लगातार मुख्यमंत्री बदले जा रहे हैं। पिछले दिनों उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया गया और कुछ ही दिनों बाद तीरथ सिंह रावत को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को राज्य का नया सीएम बना दिया गया।
इसी बीच बीजेपी शासित कर्नाटक में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। बीते दिन सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और इसका ऐलान करते समय उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। जिसे लेकर कर्नाटक कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए गए हैं।
‘लोगों के सामने प्रकट होने दें अपना दर्द’
कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने राज्य के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के इस्तीफे पर अपनी जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, इस्तीफे की घोषणा करते हुए वह जिस तरह से रोए, वह किसी एक व्यक्ति के आंसू नहीं थे…बल्कि वे एक मुख्यमंत्री के आंसू थे जो राज्य का प्रतिनिधित्व करते है। इसके पीछे क्या दर्द है? वह दर्द किसने दिया? उन्होंने येदियुरप्पा से आग्रह किया है कि वह अपने दर्द को लोगों के सामने प्रकट होने दें।
‘बीजेपी नेताओं ने येदियुरप्पा को धोखा दिया’
डी के शिवकुमार ने कहा, उनके इस्तीफे के पीछे कोई खुशी नजर नहीं आ रही है। इसके बजाय दर्द स्पष्ट रुप से दिखाई दे रहा था। वह दर्द क्या है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है, वह इसे राज्य के लोगों को समझाएं।
उन्होंने कहा, क्या उन्हें दुख हुआ, क्योंकि लोगों को दो साल तक कोरोनावायरस का सामना करना पड़ा? क्या इसलिए कि उनके खिलाफ जाने वाले विधायकों पर पार्टी आलाकमान का नियंत्रण नहीं था? लोगों को यह जानना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी डाल रही डोरे!
कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने येदियुरप्पा की पीठ में छुरा घोंपा। उन्होंने दावा किया कि येदियुरप्पा को बीजेपी आलाकमान का समर्थन नहीं मिला। डी के शिवकुमार ने कहा, जिसने भी कांग्रेस छोड़ी वह आज अपनी स्थिति खो चुका है। हम देखेंगे कि क्या वे पार्टी में लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा, येदियुरप्पा को बदलने से कोई लाभ नहीं होने वाला है। राज्य के लोगों ने पहले ही बीजेपी को बदलने का फैसला कर लिया है।
बीजेपी ने पिछले दरवाजे से बनाया है सरकार!
बताते चले कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली थी। देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के बेटे कुमारास्वामी राज्य के सीएम बने थे। लेकिन कर्नाटक की सियासत में भूचाल तब आया जब एक साथ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।
जिसके बाद कुमारास्वामी बहुमत साबित करने में नाकाम रहे और उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। तब बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी ने कर्नाटक में पहली बार अपनी सरकार बनाई। कांग्रेस-जेडीएस से इस्तीफा देने वाले विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद उन्हें येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में जगह दी गई।
वहीं, बीजेपी के कई बड़े नेताओं को साइड लाइन किया गया। जिसे लेकर बवाल भी मचा था। वहीं, येदियुरप्पा सरकार में उनके बेटे विजयेंद्र की दखलअंदाजी को लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे थे। कई बीजेपी नेताओं ने इसे लेकर नाराजगी जताई थी और बीजेपी आलाकमान से शिकायत भी की थी। अब बीएस येदियुरप्पा को भी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा है। राज्य का अगला सीएम कौन होगा, इस पर मंथन चल रहा है।