देश में जब भी कहीं चुनाव आते हैं, तो वहां सभी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हो जाती हैं। जुबानी हमले, वार पलटवार का दौर शुरू हो जाता है। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए नेता कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। इस दौरान कुछ नेता भाषा की मर्यादा में भूल जाते हैं।
ऐसा ही कुछ कर्नाटक में देखने को मिल रहा हैं। यहां आने वाले दिनों में उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है। इसके लिए यहां बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के बीच घमासान मचना शुरू हो गया। ऐसे में जुबानी हमलों की भी शुरुआत हो गई।
पीएम पर किए गए इस कमेंट पर मचा बवाल
कर्नाटक कांग्रेस ने पीएम मोदी पर टिप्पणी करते हुए उन्हें अंगूठा छाप बता दिया। वहीं इसके बाद बीजेपी की तरफ से भी पलटवार करते हुए काफी तीखी प्रतिक्रिया दी गई।
हुआ कुछ यूं कि कर्नाटक कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट किया गया, जिसमें ये कहा कि उन्होंने स्कूल बनाए, लेकिन मोदी कभी पढ़ने नहीं गए। कांग्रेस ने उम्रदराज लोगों को पढ़ने के लिए भी व्यवस्था की, लेकिन मोदी ने वहां भी कुछ सीखने की कोशिश नहीं की। अंगूठा छाप मोदी की वजह से देश के लोग कष्ट उठा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए आगे उन्होंने कहा कि कुछ लोग भिक्षा मांगकर जीवनयापन करते रहे। बावजूद इसके भीख मांगने पर बैन लगाया पड़ा। ऐसे लोग आम लोगों को भी भीख मांगने कीओर धकलने की कोशिश करते हैं।
हालांकि खुद कांग्रेस ने ही उनके इस बयान को गलत बताया। कांग्रेस की राज्य प्रवक्ता लावण्या बलाल ने कहा कि ट्वीट में लिखी भाषा सही नहीं है। उनका कहना है कि इसे लेकर जांच भी होगी। फिर भी वो इससे पीछे नहीं हटेगीं और ना ही मसले पर कोई क्षमा याचना करेंगी।
बीजेपी ने भी ऐसे किया पलटवार
वहीं कांग्रेस के इस बयान को लेकर राजनीतिक पारा बढ़ने लगा। बीजेपी की तरफ से एक विवादित बयान देकर ही पलटवार किया। बीजेपी ने कहा कि हां, हमारे प्रधानमंत्री जी से आपके नेता अलग हैं। प्रधानमंत्री ने किसी और महिला की सिगरेट नहीं फूंकी। बार में डांस नहीं किया। नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में नहीं फंसे। देश के लिए समर्पित जीवन जिया, अपने परिवार के लिए नहीं।’
2 सीटों पर होंगे उपचुनाव
बता दें कि कर्नाटक की दो सीटों सिंदगी और हंगल पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं। दरअसल, जनता दल सेक्युलर (JDS) के एक विधायक और एक बीजेपी विधायक के निधन के बाद ये सीटें खाली हो गई। दोनों सीटों पर बीजेपी की पूरी सांख दांव पर लगी है। क्योंकि येदियुरप्पा की गैर मौजूदगी में ये पहला चुनाव है। राज्य में बीएस येदियुरप्पा के बाद बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया। सिर्फ इतना ही नहीं हंगल नए सीएम बोम्मई के निर्वाचन क्षेत्र शिगगांव के ठीक बगल में है। ऐसे में ये सीटें बीजेपी के लिए काफी अहम हैं।