देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर से आपसी कलह का सामना कर रही है। इस बार पंजाब कांग्रेस में जमकर बवाल मचा हुआ है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद अब सिद्धू भी पार्टी से बगावती होते चले जा रहे हैं। इस बीच पार्टी के अंदर एक बार फिर से कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए।
अब कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने फिर कांग्रेस लीडरशिप को निशाने पर लिया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस के पास उसका कोई अध्यक्ष नहीं। साथ ही इस दौरान कपिल सिब्बल ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की भी मांग की।
कपिल सिब्बल बोले कि मैं उन कांग्रेसियों की तरफ से आपसे बोल रहा हूं, जिन्होंने बीते साल अगस्त में कांग्रेस वर्किंग कमेटी और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक लेटर लिखा था। हम अभी तक उसके इंतेजार में हैं।
आगे वो बोले कि इंतेजार की भी हद होती है। कब तक हम इंतेजार करें। हमें केवल एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा चाहिए। CWC में किसी भी मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। पंजाब के हालातों पर चर्चा की जानी चाहिए। हम किसी के खिलाफ नहीं, पार्टी के साथ हैं। लेकिन सच्चाई यही है कि हमारी पार्टी के पास कोई चुना अध्यक्ष नहीं है।
सिब्बल ने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि जब पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं, तो फैसले कौन ले रहा है? लोग हमको छोड़कर जा रहे हैं। सुष्मिता जी चली गईं, फेलेरियो , सिंधिया चले गए। जितिन प्रसाद को मंत्रालय मिल गया। सवाल ये है कि लोग क्यों जा रहे हैं?। उन्होंने कहा कि वर्किंग कमेटी को चर्चा करनी चाहिए।
कपिल सिब्बल ने आगे ये भी कहा कि हम वो नहीं, जो पार्टी छोड़कर कहीं और चले जाएं। वहीं विडंबना ये है कि जिन लोगों को केंद्रीय नेतृत्व का करीबी माना जाता था, वो ही लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। मैं उन नेताओं से कहना चाहूंगा कि वो वापस आ जाएं क्योंकि कांग्रेस ही ऐसी अकेली पार्टी हैं, जो देश को बचा सकती है।