Kalki Vishnu Temple Survey: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का सर्वेक्षण शुरू किया है। ASI ने संभल के कल्कि विष्णु मंदिर सहित पांच तीर्थ और 19 प्राचीन कुंओं का सर्वे किया। इस अभियान का उद्देश्य इन धरोहरों के ऐतिहासिक महत्व और उनकी वर्तमान स्थिति का पता लगाना है।
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कल्कि विष्णु मंदिर का सर्वेक्षण- Kalki Vishnu Temple Survey
ASI की टीम ने प्राचीन कल्कि विष्णु मंदिर का भी सर्वे किया, जहां उन्होंने मंदिर के गर्भगृह, गुंबदों पर बनी कलाकृतियों और वहां के पुजारी से प्राप्त जानकारी को अपने रिकॉर्ड में शामिल किया। टीम ने मंदिर की संरचना और डिजाइनों के नमूने लिए और उनकी फोटोग्राफी की।
खग्गू सराय में शिव मंदिर और कुंओं की कार्बन डेटिंग
खग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर और प्राचीन कुंओं का कार्बन डेटिंग के लिए नमूना लिया गया। कार्बन डेटिंग तकनीक से यह पता लगाया जाएगा कि ये संरचनाएं कितनी पुरानी हैं और किस कालखंड में बनाई गई थीं। यह प्रक्रिया प्राचीन धरोहरों की ऐतिहासिकता और संरचना के निर्माण की अवधि को जानने में मदद करती है।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) का कार्यक्षेत्र और महत्व
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का काम करता है। यह संस्कृति मंत्रालय के अधीन काम करने वाला एक महत्वपूर्ण संगठन है। ASI पुरातात्विक स्थलों की खुदाई और शोध के माध्यम से भारत की प्राचीन विरासत को संरक्षित करता है। ASI की स्थापना 1861 में हुई थी और यह राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और स्थलों का संरक्षण करता है।
ASI की ऐतिहासिक उपलब्धियां
- सिंधु घाटी सभ्यता:
1920 के दशक में ASI ने सिंधु घाटी सभ्यता के दो प्राचीन नगरों – हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खोज की। यह भारतीय पुरातात्विक इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। - अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद:
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर पर फैसला देते समय ASI की रिपोर्ट को मान्यता दी।- रिपोर्ट में बताया गया था कि मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी।
- ASI ने यह भी प्रमाण दिया कि मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष मिले हैं।
- ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण:
- ASI ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया।
- रिपोर्ट में मंदिर होने के 32 से अधिक प्रमाण मिले, जिसमें हिंदू देवताओं की मूर्तियों और शिलालेखों के अवशेष शामिल थे।
संभल में ASI का महत्व
संभल के प्राचीन मंदिरों और कुंओं का यह सर्वेक्षण स्थानीय इतिहास को उजागर करने और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाएगा। कल्कि विष्णु मंदिर और शिव मंदिर जैसे स्थलों का अध्ययन न केवल इनके निर्माण काल का पता लगाने में मदद करेगा, बल्कि इससे भारत के प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास को भी समझने का अवसर मिलेगा।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण का यह अभियान देश की प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सर्वे न केवल इन स्थलों के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करेगा, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए जागरूकता भी बढ़ाएगा। संभल की इन खोजों से भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संपदा को और समृद्ध किया जा सकेगा।