भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (Senior SC Judge Justice Sanjiv Khanna) 11 नवंबर को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे। न्यायमूर्ति खन्ना को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (India President Draupadi Murmu) द्वारा इस पद पर नियुक्त किया गया है। न्यायमूर्ति खन्ना वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (Chief Justice D.Y. Chandrachud) के सेवानिवृत्त होने के बाद इस महत्वपूर्ण पद को संभालेंगे। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कानूनी करियर काफी शानदार रहा है। आइए आपको उनके बारे में विस्तार से बताते हैं।
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना? (Senior SC Judge Justice Sanjiv Khanna)
कानूनी पेशेवरों के परिवार में जन्मे संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति हंसराज खन्ना के भतीजे और दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवराज खन्ना के बेटे हैं। संजीव खन्ना का जन्म 14 मई, 1960 को हुआ था। उन्होंने 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल करने से पहले दिल्ली के बाराखंभा रोड स्थित मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर या सीएलसी से कानून की डिग्री हासिल की।
In exercise of the power conferred by the Constitution of India, Hon’ble President, after consultation with Hon’ble Chief Justice of India, is pleased to appoint Shri Justice Sanjiv Khanna, Judge of the Supreme Court of India as Chief Justice of India with effect from 11th…
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) October 24, 2024
जस्टिस संजीव खन्ना का करियर
जस्टिस संजीव खन्ना का कानूनी करियर (Justice Sanjiv Khanna Legal Career) शानदार रहा है। उनका नाम प्रतिष्ठित जजों में शामिल है और उन्होंने कई अहम मामलों में फैसले सुनाए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट से अपने करियर की शुरुआत करने वाले जस्टिस खन्ना ने न्यायिक व्यवस्था में अहम योगदान दिया है। उन्होंने संवैधानिक, मानवाधिकार और प्रशासनिक कानून जैसे क्षेत्रों में अहम फैसले सुनाते हुए न्याय के ऊंचे मानदंड स्थापित किए हैं।
कानूनी करियर
- 1983: दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकरण के बाद, तीस हजारी अदालत से वकालत की शुरुआत।
- 2005: दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति।
- 2006: दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति।
- 2019: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति।
महत्वपूर्ण निर्णय
जस्टिस खन्ना ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसलों में योगदान दिया है, जिनमें शामिल हैं:
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट: EVM के उपयोग को बरकरार रखते हुए, उनकी सुरक्षा और विश्वसनीयता पर मुहर लगाई।
- चुनावी बॉन्ड योजना: पांच न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा रहते हुए, चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित किया।
- अनुच्छेद 370: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखने वाले निर्णय में शामिल रहे।
सुप्रीम कोर्ट में योगदान
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस खन्ना ने कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय दिए हैं, जिनमें संवैधानिक कानून, नागरिक स्वतंत्रता, और जनहित से जुड़े मामले शामिल हैं। उनकी गहरी समझ, निष्पक्षता, और संवेदनशीलता के कारण उन्हें एक उत्कृष्ट न्यायाधीश माना जाता है।
13 मई 2025 को होंगे रिटायर
वह वर्तमान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की शासी परिषद के सदस्य हैं। मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति खन्ना (Justice Sanjiv Khanna Retirement) का कार्यकाल 11 नवंबर, 2024 से 13 मई, 2025 तक रहेगा।