Yashwant Verma Scandal Update: दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में 14 मार्च को लगी आग और उसके बाद कथित रूप से जले हुए नकदी बरामदगी के मामले में अब जांच तेज हो गई है। इस घटनाक्रम की जांच के लिए पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) के नेतृत्व में एक टीम बुधवार को जस्टिस वर्मा के घर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
पुलिस टीम का घटनास्थल पर मुआयना– Yashwant Verma Scandal Update
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की टीम दोपहर करीब 1.50 बजे जस्टिस वर्मा के घर पहुंची और लगभग दो घंटे तक घटनास्थल का मुआयना किया। हालांकि, इस दौरान पुलिस टीम ने मीडिया से कोई टिप्पणी नहीं की और बाद में तुगलक रोड पुलिस थाने लौट गई। पुलिस की टीम द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है, क्योंकि यह मामले की जांच के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है।
जस्टिस वर्मा की कानूनी सलाह
वहीं, दूसरी ओर जस्टिस वर्मा ने इस मामले में देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना द्वारा गठित आंतरिक समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने से पहले बुधवार को पांच वकीलों की एक टीम से मुलाकात की। यह मुलाकात कानूनी सलाह के लिए थी, क्योंकि जस्टिस वर्मा को यह समझने की जरूरत थी कि इस मामले में उनका जवाब किस प्रकार तैयार किया जाए।
कौन थे जस्टिस वर्मा के कानूनी सलाहकार?
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, जिन पांच वकीलों ने जस्टिस वर्मा से मुलाकात की, उनमें वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल, अरूंधति काटजू, तारा नरूला, स्तुति गुजराल और एक अन्य वकील शामिल थे। यह वकील इस सप्ताह जस्टिस वर्मा के घर पहुंचे थे और कानूनी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की थी। यह कदम यह संकेत देता है कि जस्टिस वर्मा इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और उनका मानना है कि उचित कानूनी मार्गदर्शन के बिना कोई भी बयान देना उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
CJI की आंतरिक समिति की भूमिका
दिल्ली हाई कोर्ट के जज के आवास से नकदी की बरामदगी के बाद, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया। इस समिति में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनु शिवरामन को शामिल किया गया है। यह समिति दिल्ली में है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस सप्ताह जस्टिस वर्मा से दो बार मुलाकात करेगी। सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस वर्मा इस समय अपनी जवाबी स्थिति को तैयार कर रहे हैं, क्योंकि यही जवाब उनके खिलाफ संभावित कार्रवाई का आधार बनेगा।
क्या है पूरा मामला?
इस मामले की जड़ 14 मार्च 2023 को होली के दिन जस्टिस वर्मा के घर में लगी आग से जुड़ी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली फायर सर्विस के कर्मी जब आग बुझाने पहुंचे, तो उन्हें जले हुए नकदी के ढेर मिले। यह नकदी जस्टिस वर्मा के घर के स्टोर रूम में पाई गई। इस घटना के बाद से कई तरह के आरोप लगाए गए, जिनमें जस्टिस वर्मा और उनके परिवार पर नकदी रखने के आरोप लगे। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारा किया है। उनका कहना है कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार ने कभी स्टोर रूम में नकदी रखी थी।