वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक काफी हंगामेदार रही। गरमागरम बहस के दौरान भाजपा सांसद ने कहा कि वक्फ के पास जितनी जमीन है, उससे ढाई कुवैत और डेढ़ बहरीन बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं इस विधेयक को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और भाजपा सांसद अभिजीत गांगुली और ओवैसी के बीच जमकर हंगामा हुआ। इसी दौरान बीजेपी सांसद बृजलाल ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास देश में करीब 9 लाख एकड़ जमीन है। जिस वजह से भाजपा ने वक्फ की जमीन को जिहाद बताया तो विपक्ष ने कहा कि गलत नैरेटिव बनाया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं इस बैठक में क्या-क्या हुआ।
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वक्फ की जमीन पर क्या है बहस?
हंगामा तब हुआ जब असदुद्दीन ओवैसी सभी मुद्दों का विरोध करते हुए अपनी बात रख रहे थे। तभी बीच-बीच में बीजेपी सांसद अभिजीत गांगुली बार-बार टिप्पणी करते रहे कि आप जमीन वापसी पर चुप क्यों हैं? यानी अगर सरकार को नियमानुसार वक्फ की जमीन मिल जाती है तो इसमें क्या दिक्कत है?
ओवैसी ने इस पर आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद, भाजपा सांसद और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को कांग्रेस समेत सभी विपक्षी सांसदों ने जमकर बहसबाजी की। इसके बाद, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी समेत विपक्ष के सभी सांसद चिल्लाने लगे, “आप कौन होते हैं बीच में बोलने वाले? आप सिर्फ़ एक सदस्य हैं। बीच में बोलने की इजाज़त सिर्फ़ चेयरमैन को है।” बैठक में इतनी बहस हुई कि मामला बिगड़ता देख चेयरमैन जगदंबिका पाल ने मामले को शांत कराया और बैठक आगे बढ़ी।
इतनी जमीन में तो ढाई कुवैत और डेढ़ बहरीन बन जाएंगे
वहीं, बीजेपी सांसद बृजलाल के ढाई कुवैत और डेढ़ बहरीन वाले बयान पर कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने चुटकी लेते हुए कहा कि आप ऐसी कहानियां गढ़ने की कोशिश मत कीजिए। मैं बड़ी बातें नहीं करता। मैं बड़े शहरों की बात नहीं करता।
उन्होंने आगे कहा, आपके नैरेटिव को ध्वस्त करने के लिए मैं एक उदाहरण देकर समझाता हूं कि 2011 की जनगणना के अनुसार इस देश में 6 लाख 40 हजार गांव हैं, जो अब बढ़ गए होंगे। मान लीजिए हर गांव में एक एकड़ जमीन कब्रिस्तान के लिए है। अगर ईदगाह के लिए एक एकड़ जमीन है और मस्जिद के लिए आधा एकड़ जमीन है, तो भी प्रति गांव ढाई एकड़ के हिसाब से यह 18 एकड़ जमीन होगी। नासिर ने कहा, इसलिए सांप्रदायिक माहौल खराब करने के लिए ऐसे नैरेटिव न गढ़ें।
इस मुद्दे पर दूसरी बैठक 30 अगस्त को होने जा रही है। पहली बैठक से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूसरी बैठक भी इतनी ही विवादित होने वाली है।