देश के बड़े बड़े मीडिया संस्थान TRP के लिए कई बार झूठ को सच बनाकर जनता के आगे परोस देते है। हालांकि ऐसा करना कई बार पत्रकारों को भारी पड़ जाता है। ऐसा ही एक मामला है नाबालिग बच्ची का वीडियो तोड़-मड़ोकर कर पेश करने का। इस मामले देश के कई जाने-माने पत्रकार फंसे हुए हैं। वैसे तो ये मामला पुराना है, लेकिन एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। दरअसल, इस मामले में पत्रकारों को 7 मई को कोर्ट में पेश होना है, जिसके चलते केस ने फिर तूल पकड़ लिया। मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लोग इन पत्रकारों को घेरते नजर आ रहे हैं।
इन पत्रकारों के खिलाफ दर्ज है केस
जिन पत्रकारों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस हुआ, उसमें न्यूज नेशन चैनल एडिटर दीपक चौरासिया, आज तक की सीनियर एंकर चित्रा त्रिपाठी, स्वतंत्र पत्रकार अजीत अंजुम के साथ ही इंडिया न्यूज सीनियर एंकर राशिद, रिपब्लिक भारत के सैयद सुहैल, प्रोड्यूसर अभिनव राज, सीनियर रिपोर्टर ललित सिंह और सुनील दत्त के नाम शामिल हैं।
जानें पूरा मामला आखिर है क्या?
गुरुग्राम के पालम विहार थाना क्षेत्र में सतीश कुमार (बदला हुआ नाम) के घर साल 2013 में आसाराम बापू आए थे। आसाराम ने तब परिवार के सभी सदस्यों के साथ 10 साल की भतीजी को भी आशीर्वाद दिया। तब सतीश के घर पर हुए इस कार्यक्रम की वीडियोग्राफी हुई। टीवी चैनलों पर आरोप लगे कि आसाराम को बदनाम करने के लिए चैनलों और पत्रकारों ने इस वीडियो को तोड़-मोड़कर पेश किया। वीडियो को ऐसे एडिट करके दिखाया गया है कि जैसे आसाराम लड़की के साथ अश्लील हरकतें कर रहे हैं। वीडियो में बच्ची के घर को भी अश्लीलता का अड्डा दिखाने की कोशिश की गई। इसके बाद मामले को लेकर परिजन थाने चले गए। उन्होंने मीडिया द्वारा परिवार की छवि खराब करने का आरोप लगाया।
इस घटना को लेकर पालम नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन शुरू में पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करने से कतराती हुई नजर आई। हालांकि इसके बाद पी़ड़ित पक्ष को कई हिंदू संगठन का साथ मिला। जनजागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर सिंह केस में पीड़ित पक्ष की पैरवी कर रहे हैं।
फिलहाल ये मामला सोशल मीडिया पर एक बार फिर से सुर्खियों में छा गया है। ट्विटर पर लोग मामले को लेकर इन पत्रकारों को घेरते नजर आ रहे हैं। आरोप तो इन पर ये भी लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट के समन के बावजूद पत्रकार पेश होने के लिए पहले नहीं पहुंचे थे, जिसके चलते लोग इन्हें घेरते नजर आ रहे हैं।
ट्विटर पर लोगों ने घेरा
एक यूजर ने मामले को लेकर लिखा- ‘पॉक्सो एक्ट के अपराधी दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी आदि को 2013 से Bailable वारंट जारी हुआ और वो अब तक अदालत में पेश नहीं हुए। ये मीडिया गैंग बार-बार कानून की धज्जियां उड़ा रहा है। मीडिया अपना सच क्यों नहीं दिखा रहा है? क्या साजिश है?’
अन्य यूजर ने लिखा- ‘पेड मीडिया जो अपने चैनलों पर तेज आवाज में चिल्लाती हैं, वो उनके सहयोगियों दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम द्वारा अदालत की अवमानना पर चुप हैं।’