जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) को लेकर बेहद परेशान करने वाली खबर आ रही है। कंपनी दशकों से भारतीय बाजार पर राज कर रही है। इसके बेबी केयर प्रोडक्ट (Baby Care Product) हर घर में इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन हाल ही में एक कोर्ट के फैसले ने वैश्विक स्वास्थ्य सेवा दिग्गज जॉनसन एंड जॉनसन को बड़ा झटका दिया। दरअसल, कंपनी को एक व्यक्ति को 126 करोड़ रुपये (1.75 मिलियन डॉलर) का मुआवजा देने का आदेश दिया गया, जिसने आरोप लगाया था कि जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर में एस्बेस्टस के कारण उसे मेसोथेलियोमा नामक कैंसर (Mesothelioma cancer) हो गया था।
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J&J बेबी पाउडर विवाद- Johnson & Johnson baby powder controversy
जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी केयर उत्पादों के खिलाफ अमेरिका और अन्य देशों में हजारों मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि पाउडर में मौजूद एस्बेस्टस कणों के कारण उपयोगकर्ताओं में कैंसर हुआ है। हालांकि कंपनी ने लगातार इन आरोपों का खंडन किया है और दावा किया है कि उनका उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन अदालतों ने अक्सर पीड़ितों के पक्ष में फैसला सुनाया है।
2021 में दर्ज कराया था मुकदमा
खबरों की मानें तो, कनेक्टिकट के एक व्यक्ति इवान प्लॉटकिन ने J&J के बेबी पाउडर पर आरोप लगाया था कि इस टैल्क पाउडर के दशकों तक इस्तेमाल की वजह से उसे मेसोथेलियोमा जैसा दुर्लभ कैंसर हो गया। यह कैंसर अक्सर फेफड़ों और पेट के आस-पास के ऊतकों पर हमला करता है और माना जाता है कि यह एस्बेस्टस के संपर्क में आने से होता है। इस व्यक्ति ने साल 2021 में मुकदमा दायर किया था और कंपनी के बेबी पाउडर को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे।
इसके बाद जूरी ने मामले को गंभीरता से लिया और पाया कि जॉनसन एंड जॉनसन को हर्जाना देना चाहिए, जिसका निर्धारण बाद में मामले को देख रहे जज द्वारा किया जाएगा। अब कंपनी को 15 मिलियन डॉलर का भुगतान करने के लिए कहा गया है।
कंपनी की प्रतिक्रिया
वहीं j&J की ओर से एरिक हास (मुकदमेबाजी मामलों के उपाध्यक्ष) ने जूरी के फैसले पर एक बयान में कहा कि कंपनी ट्रायल जज के गलत फैसलों के खिलाफ अपील करेगी। उन्होंने कहा कि जूरी को इस मामले से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को सुनने से रोका गया है। उनका कहना है कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे क्योंकि कंपनी ने अपने उत्पादों का बार-बार परीक्षण किया है और पाया है कि वे सुरक्षित हैं। ऐसे में इससे किसी तरह का कैंसर नहीं होता।
मुकदमे का वैश्विक प्रभाव
वहीं j&J से जुड़ा यह मामला सिर्फ़ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ हजारों मुकदमे दायर किए गए हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि इसके टैल्क-आधारित उत्पादों के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ गया है। इस फैसले से कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है और दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। कंपनी का भारत में बड़ा कारोबार है और वह लंबे समय से देश में बेबी पाउडर बेच रही है। बेबी पाउडर के अलावा कंपनी भारत में बेबी शैम्पू, बेबी सोप और बेबी ऑयल भी बेचती है और इनकी काफी मांग है।
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