बिहार की सियासत में इन दिनों बवाल मचा हुआ है। राजनीतिक पार्टियों में हलचलें काफी तेज हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी में मची कलह के बीच अब राज्य की सत्ताधारी गठबंधन में भी बवाल मचता दिख रहा है। बीते दिन गुरुवार को बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने सरकार के मंत्रियों और आला अधिकारियों पर कई आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि बिहार में अधिकारी तो छोड़िए, चपरासी भी उनकी बात नहीं सुनते। नीतीश के मंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश राजनीति में हलचलें काफी तेज हो गई है। इसी बीच एनडीए में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांधी ने भी सीएम नीतीश कुमार पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। साथ ही विपक्षी पार्टियों ने भी इस मसले पर सरकार पर हमला बोला है।
जीतन राम मांझी ने लगाई मुहर
खबरों के मुताबिक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मंत्री मदन सहनी के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, यह सही बात है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनते है। 20 प्रतिशत ऐसे अफसर हैं जो विधायक, मंत्रियों की नहीं सुनते हैं। उन्होंने इस पर फौरन रोक लगाने की मांग की है।
‘…बिहार सुरक्षित हाथों में नहीं’
दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने भी इस मसले पर नीतीश सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष राजेश राठौर ने कहा, मदन सहनी प्रकरण ने साबित किया है कि बिहार सुरक्षित हाथों में नहीं…। उन्होंने कहा, सहनी ने नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। प्रदेश में विधायिका पर कार्यपालिका हावी हो गई है, जिसे अब जनता भी भली-भांति जान चुकी है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार खुद दखल दें। अन्यथा प्रदेश के अधिकारियों की मनमानी की वजह से राज्य में लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।
तेजस्वी यादव ने बोला हमला
वहीं, आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले पर सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा, बिहार में अफसरशाही हावी है। एक दलित मंत्री जो अतिपिछड़ा समाज से आता है उसे अपमानित किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा, वर्तमान सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार की वजह मुख्यमंत्री हैं। बिहार के मुख्यमंत्री को जनता नकार चुकी है। इसके बाद भी इनलोगों ने चोर दरवाजे से सरकार बना ली।