बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी पिछले काफी समय से एनडीए सरकार पर हमलावर है। बिहार में एनडीए को समर्थन देने वाले मांझी आये दिन तमाम मुद्दों पर पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं को निशाने पर ले रहे थे।
जिसके बाद बिहार की सियासत में इस बात की चर्चा काफी तेजी हो गई थी आने वाले दिनों में नीतीश कुमार की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव भी जेल से बाहर आ गए हैं, ऐसे में जीतन राम मांझी के बयानों से राजनीतिक गलियारों में हलचले तेज हो गई थी। इसी बीच हम पार्टी के प्रमुख ने कहा है कि वह एनडीए के साथ हैं और आगे भी रहेंगे।
दलित और गरीबों के मुद्दे को उठाते रहेंगे मांझी
बीते दिन बुधवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जीतन राम मांझी ने कहा, एनडीए को छोड़कर जाने का कोई सवाल ही नहीं है। एनडीए के साथ हैं और आगे भी रहेंगे। हम पार्टी की बैठक में आम सहमति से एनडीए में रहने का फैसला लिया गया।
हालांकि, मांझी ने बैठक में यह भी कहा कि सरकार में रहकर भी सकारात्मक सोच के साथ दलित और गरीबों के मुद्दे को लेकर निवेदनपूर्वक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष मुद्दे उठाते रहेंगे। खबरों के मुताबिक हम की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कुछ अहम फैसले लिए जाने को लेकर सियासी अटकले तेज थी। लेकिन जीतन राम मांझी ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।
एनडीए में असहज महसूस कर रहे मांझी और सहनी
बता दें, पिछले दिनों हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांधी और वीआईपी के दिग्गज नेता मुकेश सहनी ने मुलाकात की थी। जिसे लेकर तमाम सवाल खड़े हुए थे। इसी बीत बिहार कांग्रेस ने दावा किया है कि जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी एनडीए में सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। जिसपर जदयू के प्रधानसचिव केसी त्यागी ने जबरदस्त पलटवार किया है।
उन्होंने नीतीश सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि सरकार में कोई दिक्कत नहीं है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और उनके लोग कांग्रेस-राजद को करारा जवाब दे रहे हैं। जदयू महासचिव ने कहा, बिहार की जनता ने सरकार चलाने का जनादेश एनडीए और उसके नेता नीतीश कुमार को दिया है। राजद, कांग्रेस के सत्ता लोलुप लोग तिकड़मों के जरिए जनादेश को पलटना चाहते हैं, जिसमें वे कामयाब नहीं होंगे।