देश में कोरोना के कहर के बीच वैक्सीनेशन का काम भी जोरों पर जारी है। 18 से ऊपर सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। हालांकि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो को लेकर भी विवाद जारी है। इसको लेकर विपक्ष के कई नेता सवाल उठा चुके है कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो क्यों लगाई जा रही है?
मांझी ने ट्वीट कर बोला हमला
विपक्ष के बाद अब बिहार सरकार में बीजेपी के सहयोगी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर बड़ा हमला बोला है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने पीएम मोदी का बिना नाम लिए ही उन पर निशाना साधा।
सोमवार को जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए कहा- “वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक़ है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए। यही न्याय संगत होगा।”
राष्ट्रपति की तस्वीर लगाने की मांग की थी
बता दें कि जीतन राम मांझी ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ली है, जिसके सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर होने पर उन्होंने आपत्ति जताई। इसके अलावा उन्होंने सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति की फोटो लगाने की मांग की थीं।
रविवार को जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए लिखा था- “को-वैक्सीन का दूसरा डोज़ के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है। देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए। वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा पीएम और स्थानीय सीएम की भी तस्वीर हो।”
अपनी इस मांग के लिए मांझी को RJD का समर्थन भी मिला। RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने सपोर्ट करते हुए कहा कि जीतन राम मांझी भी पहले सीएम रहे हैं और वो वरिष्ठ नेता भी हैं। ऐसे में उन्होंने जो बात उठाई, वो तर्कपूर्ण है। सर्टिफिकेट पर राष्ट्रपति की फोटो होनी चाहिए। इसके अलावा मृत्युंजय तिवारी ने ये भी कहा कि जीतन राम मांझी ने ये बात बिना सीएम की सहमति के नहीं कही होगी।
अपनी सरकार के कई बार खिलाफ बोल चुके हैं मांझी
गौरतलब है कि भले ही जीतन राम मांझी की पार्टी सरकार में सहयोगी हो, लेकिन फिर भी वो कई मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार पर हमलावर रहते है। इससे पहले लॉकडाउन को लेकर मांझी ने राज्य सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि सरकार को गरीबों के लिए मुफ्त राशन और खाने-पीने का इंतेजाम करना चाहिए थे। साथ में उन्होंने सीएम से बेरोजगार युवाओं को 5 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की भी मांग की थीं। इसके अलावा बीते दिनों हुई पप्पू यादव की गिरफ्तारी का भी मांझी ने खुलकर विरोध किया था।