कोरोना महामारी की सेकेंड वेव के चलते देश के हालात लगातार गंभीर बने हुए हैं। शुक्रवार को एक बार फिर से सभी रिकॉर्ड टूटे और पहली बार 4 लाख 14 हजार से भी अधिक नए केस सामने आए। जहां रोजाना केसों की संख्या में इजाफा हो रहा है, वहीं मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। बीते कुछ दिनों से रोजाना 3 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
कोरोना की वजह से बिगड़े हालातों के बीच भी केंद्र और कुछ राज्य की सरकारों (जहां बीजेपी की सरकार नहीं है) के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। ऐसा ही कुछ बीते दिन झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी किया।
‘सिर्फ अपने मन की बात करते हैं पीएम’
दरअसल, पीएम मोदी ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन कर राज्य में कोरोना के हालातों को लेकर जानकारी की। लेकिन इसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कुछ ऐसा कह दिया, जिस पर बवाल मचा दिया।
सीएम सोरेन ने ट्वीट कर लिखा- ‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।’
सोरेन की ट्वीट पर बरसीं बीजेपी
उनकी इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। ट्विटर हेमंत सोरेन की ट्वीट को लेकर दो गुटों में बंट गया है। एक तरफ बीजेपी नेता समेत कई लोग सीएम हेमंत सोरेन की इस ट्वीट के लिए उन पर भड़कते हुए नजर आ रहे है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने हेमंत सोरेन की ट्वीट पर कहा- ‘कृप्या संवैधानिक पदों की गरिमा को इस निम्न स्तर तक न ले जाएं। महामारी के इस कठिन समय में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, हम एक टीम इंडिया हैं।
असर सरकार के मंत्री ने लिखा- ‘आपका ये ट्वीट न सिर्फ़ न्यूनतम मर्यादा के ख़िलाफ़ है बल्कि उस राज्य की जनता की पीड़ा का भी मजाक़ उड़ाना है, जिनका हाल जानने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने फ़ोन किया था। बहुत ओछी हरकत कर दी आपने। मुख्यमंत्री पद की गरिमा भी गिरा दी।’
पहले छत्तीसगढ़ के सीएम ने भी मारा था ताना
हालांकि दूसरी ओर कुछ लोग इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री के सपोर्ट करते और उनकी तारीफ करते नजर आ रहे हैं। वैसे सिर्फ झारखंड के सीएम ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी पहले बैठक को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साध चुके हैं। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पहले कहा था कि पीएम के साथ बैठक सिर्फ वन-वे होती है, कोई जवाब नहीं मिलता।
गौरतलब है कि इन दोनों राज्यों में ही बीजेपी की सरकार नहीं है। जहां झारखंड में JMM-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में है, तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है।
वैसे आपको जानकारी के लिए बता दें कि झारखंड सरकार, केंद्र से मदद नहीं मिलने का आरोप लगा रही हैं। हेल्थ सेक्रेटरी अरुण सिंह ने कहा था कि राज्य को केवल 2181 रेमडेसिविर इंजेक्शन ही मिले। अपने स्तर पर राज्य बांग्लादेश से 50 हजार इंजेक्शन मंगवाना चाह रहा है, लेकिन अब तक केंद्र से उसकी इजाजत नहीं मिली। यही नहीं झारखंड में वैक्सीन की कमी भी है। इस वजह से राज्य में अब तक 18 से ऊपर के लोगों को वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो सका।