बिहार की सियासत में उलट-फेर का दौर जारी है। एक ओर लोक जनशक्ति पार्टी में फूट की खबरें अभी शांत भी नहीं हुई कि अब जदयू के नेताओं की बेरुखी सार्वजनिक रुप से सामने आ गई है। पिछले दिनों जदयू कोटे से मंत्री बने मुकेश सहनी ने अफसरशाही को लेकर सवाल उठाए थे और अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया था।
बताया जा रहा है कि वह जल्द ही मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इसी बीच जदयू को एक बड़ा झटका लगा है। जदयू नेता और पूर्व विधायक महेश्वर सिंह ने बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया है। वह काफी दिनों से पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे।
तेजस्वी यादव ने दिलाई सदस्यता
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूर्व विधायक महेश्वर सिंह को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान तेजस्वी ने कहा, मेरे पिता के सहयोगी और दो बार के विधायक रहे चुके महेश्वर सिंह ने पार्टी में वापसी की है। मुझे उम्मीद है कि उनके लौटने से हमारी पार्टी को मजबूती मिलेगी। इस दौरान महेश्वर सिंह ने दावा कि भारी दबाव के बावजूद वह एनडीए गठबंधन से बाहर आ गए हैं।
दरअसल, पिछले दिनों पूर्व विधायक महेश्वर सिंह और मंजीत सिंह ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। जिसके बाद प्रदेश की सियासत में इस बात की चर्चा तेज हो गई थी दोनों ही नेता जल्द ही आरजेडी में शामिल हो सकते हैं। लेकिन खबरों की मानें तो पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के हस्तक्षेप और मान मनव्वल के बाज मंजीत सिंह मान गए और पार्टी नहीं छोड़ी। लेकिन महेश्वर सिंह ने आरजेडी का दामन थाम लिया।
दो बार विधायक रह चुके हैं महेश्वर सिंह
बताते चले कि महेश्वर सिंह अभी तक कई पार्टियों के साथ जुड़ चुके हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2005 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर हरसिद्धि विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। जिसके बाद साल 2010 में उन्होंने समता पार्टी की टिकट पर इसी विधानसभा सीट से जीत हासिल की। उसके बाद उन्हें किसी भी मजबूत पार्टी से टिकट नहीं मिला, जिसकी वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वह काफी समय से जदयू के साथ जुड़े थे अब उन्होंने आरजेडी का दाम थाम लिया है।
गौरतलब है कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चल रही है। लेकिन एनडीए के घटक दल अपनी ही सरकार को आये दिन निशाने पर लेते हुए दिख रहे हैं। बीजेपी और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा की ओर से कई बार नीतीश सरकार को निशाने पर लिया जा चुका है। ऐसे में इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ ही महीनों में नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी गंवा सकते हैं। आरजेडी भी इस बात का पहले ही दावा कर चुकी है।