देश की सत्तारुढ़ और भगवा पार्टी के नाम से मशहूर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लगभग हर चुनावी घोषणा पत्र में गाय को लेकर कुछ न कुछ होता ही है। गोरक्षा और गायों की सुरक्षा की बात करने वाली बीजेपी नेताओं की तस्वीरें भी गाय के साथ आये दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है। बीजेपी शासित यूपी में भी गायों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने कई बड़े दावें किए।
लेकिन प्रदेश के कई कोनें से हर दिन भूख और इलाज के अभाव में गायों की मौत की खबरें सामने आती रहती है। जिसके कारण यूपी की योगी सरकार के दावें भी फेल होते नजर आते हैं। इसी बीच खबर है कि यूपी के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के एक गौशाला (Cowshed) में करीब एक दर्जन गायों की मौत हो गई है।
‘भूख और इलाज के अभाव में हुई मौतें’
गायों की मौत का यह नया मामला ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) से जुड़ा है। यह अथॉरिटी जलपुरा गांव (Jalpura) में एक गौशाला का संचालन करती है। खबरों के मुताबिक बीते दिनों गौशाला में लगभग एक दर्जन गायों की मौत हो गई है। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों की ओर से लगातार सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि ओडिशा के एक सांसद जब गौशाला पहुंचे तब गायों की मौत का मामला लाइम लाइट में आया। सांसद का आरोप है कि गायों की मौत की वजह भूख, इलाज न मिलना और लापरवाही है।
सीएम योगी से किया हालात संभालने का आग्रह
बीजू जनता दल के सांसद अनुभव मोहंती (Anubhav Mohanti) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मरी हुई गायों की फोटो शेयर की है। उन्होंने लिखा, जलपुरा स्थित ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की गौशाला में आज भारी अव्यवस्था पायी।
प्रशासनिक उदासीनता के कारण भुखमरी तथा इलाज के अभाव में गायों की मृत्यु के इस हृदय विदारक प्रकरण का संज्ञान लेने की कृपा करें। साथ ही उन्होंने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और सीएम योगी आदित्यनाथ को ट्वीट करते हुए गौशाला के हालात को संभालने का आग्रह किया है।
इस गौशाला में पहले भी हो चुकी हैं मौतें
बता दें, गायों की मौत की जानकारी सामने आते ही पशु चिकित्सा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। ग्रेटर नोएडा के जलपुरा गांव में स्थिति इस गौशाला में गायों की मौत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले सितंबर 2020 में भी इस गौशाला से करीब आधा दर्जन गायों की मौत की खबर सामने आई थी।
उसके बाद भी हालात नहीं सुधरे और अब एक दर्जन के करीब गायों की मौत हो गई है। गायों को लेकर बाते बनाने, वादें करने और कागजी तौर-तरीकों से ऊपर उठकर वास्तविकता जानने और उसे ठीक करने को लेकर योगी सरकार क्या कदम उठाती है, यह देखने वाली बात होगी।