Jalgaon Train Accident: महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार (22 जनवरी) को हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह से मची भगदड़ में यात्रियों ने ट्रेन से कूदना शुरू कर दिया। अफरातफरी में बगल के ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आने से 13 लोगों की जान चली गई। हादसा इतना भयावह था कि रेलवे ट्रैक पर मानव अंग और शव बिखरे पड़े थे।
कैसे हुआ हादसा? (Jalgaon Train Accident)
पुष्पक एक्सप्रेस शाम करीब 4:42 बजे पचोरा स्टेशन के पास थी, तभी किसी ने ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैला दी। यात्रियों में हड़कंप मच गया और कई लोगों ने ट्रेन की चेन खींचकर उसे रुकवाया। घबराहट में यात्री ट्रेन से कूदने लगे। बोगियों के दरवाजे पर पहले से भीड़ लगी थी, और कुछ लोग बगल के ट्रैक पर कूद गए, जहां तेज रफ्तार से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ने उन्हें कुचल दिया।
चश्मदीदों की दास्तान
- कमला भंडारी की बहू राधा भंडारी ने बताया कि उनकी सास अफवाह के बाद ट्रेन से कूद गई थीं। “मां ने कहा कि बोगी में आग लगी है, भागो। भगदड़ में मैं एक दरवाजे से कूदी, और मां दूसरे दरवाजे से कूदीं, जहां दूसरी ट्रेन आ रही थी। जब मैंने बगल के ट्रैक पर देखा, तो मां का शव पड़ा था।”
- जगमोहन पासवान, जो घटना के समय ट्रेन में मौजूद थे, ने कहा, “कोच में एक वेंडर ने चिल्लाकर कहा कि आग लग गई है। इससे भगदड़ मच गई। मैं बाईं ओर से उतरा, इसलिए बच गया। लेकिन जो लोग दाईं ओर से कूदे, उनमें से कई की जान चली गई।”
- संजीव सिंह, जो शिरडी जा रहे थे, ने बताया, “धुआं था लेकिन आग की वजह से नहीं। भगदड़ में लोग कूदने लगे। जब मैं दरवाजे तक पहुंचा, तो बगल के ट्रैक पर 10 शव पड़े देखे।”
पचोरा गांव के लोगों ने की मदद
हादसे के तुरंत बाद पास के पचोरा गांव के लोग मौके पर मदद के लिए पहुंचे। कर्नाटक एक्सप्रेस के ड्राइवर ने भी स्थिति देख ट्रेन रोकने की कोशिश की, लेकिन गति तेज होने के कारण ट्रेन समय पर नहीं रुक सकी।
रेलवे और प्रशासन की प्रतिक्रिया
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जलगांव स्टेशन से चढ़े कुछ यात्रियों ने चेन पुलिंग की, जिससे ट्रेन रुक गई। उन्होंने आग की अफवाह फैलाने की पुष्टि नहीं की।
वहीं, रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 1.5 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 50 हजार रुपये, और अन्य घायलों को 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।
हादसे के बाद का दृश्य
घटना के बाद रेलवे ट्रैक पर शव और मानव अंगों का बिखराव था। कई घायलों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। ट्रेन की बोगियां खचाखच भरी थीं, और अफवाह ने हालात और बिगाड़ दिए।