Jaisalmer Tubewell News: ट्यूबवेल खुदाई के दौरान फूटा पानी का फव्वारा, मकानों और फसलों पर खतरा

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Jaisalmer Tubewell News: जैसलमेर के मोहनगढ़ क्षेत्र में ट्यूबवेल खुदाई के दौरान 800 फीट की गहराई पर भूजल का तेज़ प्रेशर फूटने से हड़कंप मच गया। 27 बीडी के चक 3 जोरावाला क्षेत्र में हुई इस घटना ने आसपास के खेतों और मकानों को गंभीर खतरे में डाल दिया है। अचानक फूटे पानी के फव्वारे ने खेत को तालाब में बदल दिया, जिससे मकानों और संरचनाओं को खाली करने का आदेश जारी करना पड़ा।

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अनुचित खुदाई बनी हादसे का कारण- Jaisalmer Tubewell News

सूत्रों के मुताबिक, ट्यूबवेल की खुदाई प्रशासनिक अनुमति के बिना की जा रही थी। पाइप निकालने के दौरान खुदाई मशीन भी जमीन में धंस गई, जिससे पानी का बहाव और तेज़ हो गया। इस अनियंत्रित जल प्रवाह ने आसपास के क्षेत्र में मकानों और फसलों को नुकसान पहुंचाने का खतरा बढ़ा दिया है।

मकानों को खाली करने का आदेश

घटना के तुरंत बाद प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में अलर्ट जारी किया। मोहनगढ़ के उप तहसीलदार ललित चारण ने बताया कि 500 मीटर की परिधि में आने वाले सभी मकानों को खाली करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, स्थानीय निवासियों को चेतावनी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति या पशु इस क्षेत्र के पास न जाए।

गैस रिसाव का भी खतरा

भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास ईणखिया ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने आशंका जताई कि पानी के साथ गैस का भी रिसाव हो सकता है, जो स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

आसपास के इलाकों में नुकसान की संभावना

इस घटना से आसपास के मकानों के अलावा फसलों और पशुधन पर भी खतरा मंडरा रहा है। पानी का तेज़ बहाव फसलों को नष्ट कर सकता है और मिट्टी की गुणवत्ता पर भी बुरा असर डाल सकता है।

सुरक्षा के कड़े निर्देश

प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे प्रभावित क्षेत्र से दूर रहें और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। विशेषज्ञों की एक टीम लगातार पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है।

भूजल प्रबंधन पर सवाल

यह घटना क्षेत्र में भूजल उपयोग और सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अनियंत्रित और बिना अनुमति के किए गए भूजल दोहन के कारण इस तरह की घटनाएं न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि इंसानी जिंदगी और संपत्ति के लिए भी खतरा बन जाती हैं।

भविष्य में सख्त कदम उठाने की जरूरत

प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। भूजल उपयोग के लिए नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

जैसलमेर के इस हादसे ने भूजल के अनियंत्रित दोहन और सुरक्षा उपायों की अनदेखी के दुष्परिणामों को उजागर किया है। प्रशासन और विशेषज्ञों द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन इस घटना ने भूजल प्रबंधन के लिए सख्त नियमों और जागरूकता की आवश्यकता को स्पष्ट कर दिया है।

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