अगर आप भी क्रिकेटर्स, बॉलीवुड स्टार्स या फिर आज कल के इंफ्लुएंसर्स पर आंख मूंद कर भरोसा करते हैं तो आपकी हालत भी ऐसी ही हो सकती है…आप बर्बाद हो सकते हैं…कंगाल हो सकते हैं….आपके पास सुसाइड के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होगा. ये लोग चंद पैसों के लिए आपकी जिंदगी से खेल रहे हैं…आपको सट्टेबाजी का लत लगा रहे हैं…ये पैसे लेकर टीवी और इंटरनेट पर आपको सट्टेबाजी की सलाह देते हैं और आप उनकी सलाह मानकर इन सट्टेबाजी कंपनियों के फैलाए जाल में फंस जाते हैं.
96 lakh Debt😢
This guy got so addicted to online betting games that he’s raked up a debt of 96 lakhs@MIB_India @BCCI, regulations needed for online games@JPNadda ji, suicide helpline should be widely publicised & counsellors trained to handle thispic.twitter.com/UN0RyQLFfu
— PallaviCT (@pallavict) September 19, 2024
यह एक ऐसा दलदल है जिसमें लोग अपने मुनाफे के चक्कर में लाखों-करोड़ों रुपये गंवा देते हैं और जिंदगी भर पछताते रहते हैं..यही हुआ है वीडियो में दिख रहे शख्स हिंमाशु के साथ…एक मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले हिंमाशु ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में 96 लाख रुपये गंवा चुके हैं…आखिर क्या है पूरा मामला…ऑनलाइन गेमिंग की लत कैसे हिंमाशु को ले डूबी? ऑनलाइन सट्टेबाजी पर सरकार का क्या रूख है? हिंमाशु के इस हालत के लिए कौन जिम्मेदार है ?
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ऐसे ऑनलाइन सट्टेबाजी के दलदल में फंसते गए हिमांशु
सोशल मीडिया पर इन दिनों यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें पीड़ित हिमांशु अपने साथ हुई घटना का जिक्र कर रहे हैं. न्यूज 18 चैनल के शो में इस लड़के ने अपनी गेमिंग की लत के बारे में जो बताया उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. JEE Mains जैसा टफ़ इक्जाम क्वालीफाई करने वाले हिमांशु को ऑनलाइन गेमिंग की इतनी भयंकर लत लगी कि उसने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के पैसे को ऑनलाइन जुए में गंवा दिया…
हिमांशु बताते हैं कि मेरी मां एक टीचर हैं जब उन्हें मेरी इस लत की वजह से हुए कर्जे के बारे में पता चला तो उन्होंने मुझसे बात करना बंद कर दिया…मेरा भाई भी मेरे से सीधे मुंह बात नहीं करता है…मेरी हालत ऐसी हो गई है कि अगर मुझे आज सड़क पर कुछ हो जाए तो कोई मुझे देखने तक नहीं आएगा. अपनी कहानी सुनाते वक्त हिमांशु पूरे टाइम रो रहे थे…उन्होंने बताया कि इस लत की वजह से उसके परिवार ने उनसे मुंह मोड़ लिया है.
जब हिमांशु से पूछा गया कि उनके पास इतने पैसे कहां से आएं? तो उन्होंने जवाब दिया कि लोगों से पैसे लिए, फ्रॉड किया…उनका परिवार अब उन्हें देखना नहीं चाहता, जिससे उनमें भावनात्मक तनाव और ज्यादा बढ़ गया. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वह शर्म और अपराधबोध से व्याकुल होकर आत्महत्या का प्रयास कर चुका है…यह घटना उन सट्टा एप्लिकेशंस की काली सच्चाई को उजागर करती है, जहां जीतने का सपना कई लोगों के लिए रात के दुःस्वप्न में बदल जाता है. हिमांशु ने खुद बताया कि यह लत उन्हें टीवी पर एक ऐड देखने के बाद लगी थी…
हिमांशु बताते हैं कि यूपी में एक पुलिसवाले हैं, उन्होंने मुझे गेम खेलने के लिए बुलाया, लेकिन उनके पैसे का नुकसान हो गया। उन्होंने मुझे पुलिस स्टेशन में सात दिनों तक रखा और टॉर्चर किया.
सरकार सिर्फ दिखावा करती है!
अब जरा सोचिए, टीवी पर विज्ञापन देख कर इतने पढ़े लिखे लोग भी इस दलदल में फंस जा रहे हैं…वह निकलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन निकल नहीं पा रहे हैं और अपनी सारी जमा पूंजी गंवा दे रहे हैं..परिवार, समाज, मां, भाई-बहन सबसे उनका नाता टूट जा रहा, सब उनसे मुंह मोड़ ले रहे हैं…20-25 साल की उम्र में जिंदगी तबाह हो जा रही है…ये तो हिंमाशु की कहानी है, जो सभी के सामने आ गई…लेकिन ऐसे कई हिमांशु आज भी भारत की गलियों में भटक रहे हैं…कर्जदारों से जान बचाकर भाग रहे हैं…सुसाइड कर रहे हैं लेकिन न तो सरकार को कोई सुध है और न ही कोई उन्हें संभालने वाला है.
हमारी सरकार न तो ऑनलाइन गैंबलिंग को रोकने के लिए कोई कदम उठा रही है और न ही लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है. 2023 की शुरुआत में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने एक सख्त सलाह जारी की जिसमें गेमिंग के रूप में सट्टेबाजी और जुए सहित ऐसी अवैध गतिविधियों के विज्ञापन, प्रचार और इसके समर्थन पर रोक लगाई गई. एडवाइजरी के अनुसार ‘पब्लिक गैम्ब्लिंग एक्ट, 1867 के तहत सट्टेबाजी और जुआ सख्त रूप से वर्जित है और देश भर के अधिकांश क्षेत्रों में इसे अवैध माना जाता है. इसके बावजूद गेमिंग की आड़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म और ऐप सीधे तौर पर सट्टेबाजी और जुए का विज्ञापन करते रहते हैं और सरकार कान में तेल डालकर सोयी रहती है.
21 हजार करोड़ से ज्यादा का है ऑनलाइन सट्टेबाजी का बाजार
ऑनलाइन गेमिंग में सट्टेबाजी पर सरकार की चुप्पी के पीछे भी कई कारण हो सकते हैं…पहले तो ये समझिए कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार साल 2022 में 2.6 अरब डॉलर यानी 21 हजार करोड़ रुपये का था…जिसमें करीब 7 फीसदी की वृद्धि होनी की उम्मीद जताई गई थी…कई रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि साल 2029 तक भारत में ऑनलाइन खेल सट्टेबाजी बाजार में उपयोगकर्ताओं की संख्या 18.9 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. सरकार ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर पूरे अंकित मूल्य का 28% जीएसटी के रुप में लेती है.
कहने को तो लोगों को सट्टेबाजी से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया लेकिन सच्चाई इसके आस पास भी नजर नहीं आती. अगर सरकार को सच में लोगों की फिक्र होती तो पब्लिक गैंबलिंग एक्टर, 1867 के तहत अब तक कई कंपनियों, क्रिकेटर्स, बॉलीवुड स्टार्स और इंफ्लुएंसर्स पर कार्रवाई हो चुकी होती…लोगों को जागरुक करने और इस दलदल में न फंसने की सलाह देते हुए सरकार की ओर से कदम उठाया जा चुका होता…नेता लोगों से अपील कर चुके होते लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है, जिससे यह कहा जा सके कि सरकार लोगों को ऑनलाइन गेमिंग सट्टेबाजी से रोकने के लिए कदम उठा रही है.
‘इंफ्लुएंसर्स आपको बेवकूफ बना रहे हैं’
वहीं, बॉलीवुड स्टार्स, क्रिकेटर्स और इंफ्लुएंसर्स, जिनके करोड़ों में फैन फॉलोइंग है, वे चंद पैसों के लिए अपने ही फॉलोवर्स की पीठ में छुरा भोंक रहे हैं और उन्हें ऑनलाइन सट्टेबाजी के दलदल में धकेलने की कोशिश कर रहे हैं. आज के समय में आप लोगों को ऐसे फर्जी स्टार्स से सावधान रहने की जरुरत है…यह समझिए कि वे आपको मुफ्त में कोई सलाह नहीं दे रहे हैं..उनके हर शब्द के पीछे पैसा है…पैसों के पीछे अंधे हुए ये लोग आपके बारे में कभी अच्छा सोच ही नहीं सकते, यह आपको समझने की जरुरत है…
लोग कहते हैं कि शराब पीने के बाद लोग बेसुध हो जाते हैं लेकिन यह गलत है…नशा शराब का नहीं, किसी भी चीज का हो सकता है…ट्रेडिंग का नशा हो सकता है…ऑनलाइन गेमिंग का नशा हो सकता है…सट्टेबाजी का नशा हो सकता है…संभल कर जिंदगी न जी-जाए तो हर चीज में नशा है…ऐसे में खुद को संभालिए…अगर आपके जान पहचान में कोई ऐसा कर रहा है तो उसे समझाइए…दूर के परिचित भी इस दलदल में फंसे दिखें तो उन्हें निकालने का प्रयास करिए…क्योंकि समय रहते कदम न उठाए गए तो जीवन में अफसोस के सिवा कुछ और नहीं बचेगा.