Israel presses India for ban Hamas: इजरायल ने गाजा में हमास को खत्म करने के अपने अभियान के बीच भारत से हमास को आधिकारिक तौर पर आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग तेज कर दी है। हाल ही में, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में “कश्मीर एकजुटता दिवस” पर हमास नेताओं की उपस्थिति को लेकर इजरायल ने गहरी चिंता व्यक्त की है।
पीओके में हमास की मौजूदगी से बढ़ी चिंता (Israel presses India for ban Hamas)
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार था जब हमास के वरिष्ठ नेता पीओके पहुंचे और वहां उन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सदस्यों के साथ देखा गया।
इजरायल का मानना है कि हमास की गतिविधियां केवल गाजा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह संगठन दुनियाभर में इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा देने में शामिल है। यही वजह है कि इजरायल ने इस मुद्दे को भारत के साथ औपचारिक रूप से उठाया है और उम्मीद जताई है कि भारत भी जल्द ही हमास को आतंकी संगठन घोषित करेगा।
भारत का अब तक का रुख
भारत ने हमेशा आतंकवाद के मुद्दे पर इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है और 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए हमले की निंदा भी की थी। हालांकि, भारत ने अब तक हमास को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित नहीं किया है।
इसके विपरीत, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ पहले ही हमास को आतंकी संगठन करार दे चुके हैं।
भारत और इजरायल की रणनीतिक साझेदारी
इजरायल और भारत के बीच रक्षा, व्यापार और आतंकवाद विरोधी अभियानों में गहरा सहयोग है। 2023 में, इजरायल ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन घोषित किया था, जो 2008 के मुंबई हमलों में शामिल था।
तब भारत में इजरायल के राजदूत नओर गिलोन ने उम्मीद जताई थी कि भारत भी हमास को आतंकवादी संगठन की सूची में शामिल करेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि इजरायल ने भारत को हमास की आतंकी गतिविधियों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां सौंपी हैं।
क्या भारत हमास को आतंकी संगठन घोषित करेगा?
यह सवाल अब भारतीय संसद में भी उठ चुका है। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय का रुख स्पष्ट है कि किसी भी संगठन को आतंकवादी घोषित करने का निर्णय “गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम” (UAPA) के तहत लिया जाता है।
भारत सरकार इस मामले में बेहद संतुलित नीति अपनाती रही है। भारत ने हमेशा इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन दिया है, लेकिन साथ ही वह फिलिस्तीनी स्वतंत्रता के पक्ष में भी रहा है।
भारत का कूटनीतिक संतुलन
भारत की विदेश नीति हमेशा दो-राष्ट्र सिद्धांत (Two-State Solution) के समर्थन में रही है। भारत ने हमेशा इस विचार को बढ़ावा दिया है कि इजरायल और फिलिस्तीन को एक साथ शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहना चाहिए।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता का भी समर्थन किया है, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि भारत फिलिस्तीन को अलग देश के रूप में मान्यता देता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ इजरायल की लड़ाई का भी समर्थन करता है।