माघ मेले की तैयारी शुरू हो गयी है और इस बार आईपीएस डॉ. राजीव नारायण मिश्रा (IPS officer Dr. Rajeev Narayan Mishra) को फिर से इस मेले की जिम्मेदारी मिली है. जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले माघ मेला में लाखों की तादाद में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे. वहीं इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने सेनानायक 34वीं वाहिनी पीएसी वाराणसी को माघ मेला प्रयागराज का एसएसपी बनाया है और ये जिम्मेदारी उन्हें चौथी बार दी गयी है.
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चौथी बार मिली माघ मेला की जिम्मेदारी
इससे पहले 2021, 2022 तथा 2023 में भी डॉ राजीव नारायण मिश्र, सेनानायक 34 वाहिनी पीएसी भुल्लनपुर, वाराणसी को माघ मेला प्रयागराज के प्रभारी के रूप में अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया था। वहीं एक बार फिर योगी सरकार (yogi goverment) ने माघ मेले के लिए IPS ऑफिसर डॉ.राजीव नारायण मिश्रा को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) नियुक्त किया है.
Covid-19 के दौरान संभाली थी मेले की कमान
डॉ. राजीव मिश्रा ने माघ मेले में यात्रियों के साथ-साथ सुरक्षा के लिए आने वाले सुरक्षाकर्मियों की भी Covid-19 के प्रोटोकॉल के तहत जांच करवाई थी और जिन पुलिसकर्मियों में कोविड महामारी के लक्षण पाए गए थे उन्हें अलग क्वारंटाइन कर दिया गया था. यही वजह थी कि माघ मेले (magh mela) में लगे सुरक्षाकर्मियों और पुलिस पीएसी (PAC) के जवानों में कोरोना सबसे कम फ़ैल पाया. जिससे मेला प्रशासन को जरूरत के मुताबिक फोर्स जगह-जगह तैनात करने में मदद मिली थी। अपने अच्छे व्यहारों और जनता से प्यार से बात करने (मृदुभाषी) डॉक्टर मिश्रा के ऊपर योगी सरकार ने एक बार फिर भरोसा करते हुए माघ मेले की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है.
निडरता और बहादुरी के तमाम किस्से
आईपीएस डॉ. राजीव नारायण मिश्रा एचसीएल (HCL) सॉफ्टवेयर इंजीनियर के अपहरण के मामले को हल किया था 23 मई को एक HCL सॉफ्टवेयर इंजीनियर को जिला गाजियाबाद में अपहरण कर लिया गया था। एसएसपी गाजियाबाद के अनुरोध पर उन्हें 27 मई की सुबह यह काम सौंपा गया था और उनके निरंतर प्रयासों से सार्थक परिणाम मिले और उन्होंने अपनी टीम के साथ बंधक को बचाने में सफलता हासिल की और 1 जून को उनके साथ मुठभेड़ में कट्टर अपराधियों को पकड़ लिया। जिसके बाद उन्हें लखनऊ स्थित DGP मुख्यालय में उन्हें 15 अगस्त 2018 यानि 71वें स्वतंत्रता दिवस को प्रतिष्ठित डीजीपी की प्रशंसा डिस्क (गोल्ड) (prestigious DGP’s commendation disc (Gold) पुरस्कार से नवाज़ा गया था
राष्ट्रपति के वीरता पुरस्कार से सम्मानित हैं डॉ. राजीव
अयोध्या में 2005 में हुए आतंकवादी हमले में डॉ. राजीव नारायण मिश्रा के बहादुरी के साथ लड़ने आतंकवादियो को मार गिराने में एक अहम भूमिका निभाई थी जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति के वीरता पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक व अन्य बहुत से पुरस्कार मिल चुके हैं। वर्तमान में डॉ. राजीव नारायण मिश्रा, सेनानायक 34वीं वाहिनी पीएसी, वाराणसी में नियुक्त हैं, और इसके पहले एसएसपी, एसटीएफ, लखनऊ व कुशीनगर के कप्तान भी रह चुके हैं.
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