1992 बैच के IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) को पिछले दिनों सेवाओं के लिए अनपयुक्त करार देते हुए गृहमंत्रालय ने समय से पहले ही सेवानिवृत्ति दे दी। गृहमंत्रालय ने 17 मार्च को उन्हें सेवानिवृत्त होने का आदेश दिया था।
आदेश की कॉपी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भेजी गई। अमिताभ ठाकुर यूपी में ही वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक के रुप में तैनात थे। हालांकि, उनका सेवा कार्यकाल पूरा होने में अभी समय बाकी है। सरकार के इस कदम के बाद उन्होंने अपने घर के बाहर जबरिया रिटायर का बोर्ड लगा लिया।
इसी बीच आईपीएस अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने डीजीपी को पत्र लिखकर अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को प्राप्त कराये जाने के तरीके पर गहरी आपत्ति प्रकट की है।
IPS ठाकुर ने जताई आपत्ति
अमिताभ ठाकुर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से डीजीपी को लिखे पत्र को सार्वजनिक भी किया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि वे इस आदेश से पूर्णतया असहमत है तथा इसका विधिक अध्ययन कर रहे हैं। जिस ढ़ंग से यह आदेश उन्हें प्राप्त कराया गया, वह भी स्पष्टतया आपत्तिजनक था।
‘…चोरों और अपराधियों जैसा हुआ व्यवहार’
पूर्व आईपीएस ठाकुर ने लिखा, ‘यह आदेश ऐसा नहीं था जिसे गिरफ्तारी वारंट की तरह गुपचुप, सीक्रेट ढंग से पालन करवाने की जरुरत थी। डीजीपी उन्हें ऑफिस में बुला कर आसानी से इसका पालन करा सकते थे और उनके अच्छे भविष्य की कामना के दो बोल बोलकर विदा कर सकते थे।‘
उन्होंने कहा, ‘इसके विपरीत उनके साथ चोरों एवं अपराधियों जैसा व्यवहार करते हुए एक अफसर को ‘परम गोपनीय सील्ड कवर’ लिफाफा लेकर ‘सीक्रेट’ ढंग से उनके ऑफिस भेजा गया, ताकि आदेश प्राप्त करने में कोई गड़बड़ न कर दी जाये।‘
आदेश की पहले से थी जानकारी
अमिताभ ठाकुर ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि ‘उन अफसर के आने से काफी पहले उन्हें इस आदेश की जानकारी हो गयी थी और वे आसानी से धीरे से ऑफिस छोड़ कर जा सकते थे। किन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया तथा तत्काल आदेश प्राप्त किया। उन्हें अनावश्यक रूप से किये गए इस व्यवहार का हमेशा मलाल रहेगा।‘
ऐसी रही है ठाकुर की हिस्ट्री
गौरतलब है कि आईपीएस अमिताभ ठाकुर देश के नामी अफसरों में से एक हैं। उनके ऊपर कई तरह का आरोप भी लग चुके हैं। खबरों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के विधायक ने ठाकुर को कभी थप्पड़ भी मार दिया था। उन्होंने इस मामले पर FIR दर्ज कराई थी। जिसके बाद उनका ट्रांसफर हो गया था।
पिछले साल यूपी में हुए बिकरु कांड की घटना के बाद उन्होंने विकास दूबे के एनकाउंटर को लेकर पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी। आईपीएस ठाकुर ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि विकास दूबे का सरेंडर हो गया है। हो सकता है कि कल वह यूपी पुलिस की कस्टडी से भागने की कोशिश करे और मारा जाए।
दूसरी ओर हुआ भी कुछ ऐसे ही…सरेंडर करने के बाद विकास दूबे को मध्यप्रदेश से यूपी लाया जा रहा था। जिसमें गाड़ी पलट गई…विकास दूबे ने भागने की कोशिश की और मारा गया।
2015 में हुए थे निलंबित
बता दें, साल 2015 में आईपीएस अमिताभ ठाकुर को निलंबित कर दिया था। तब उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगाया था। जिसके बाद साल 2017 में ठाकुर ने केंद्र सरकार से उनका कैडर बदलने का आग्रह किया था और तर्क दिया था कि मुलायम सिंह के फोन के बाद अपने जीवन और परिवार के लिए गंभीर खतरे देख रहा हूं।