कोरोना की दूसरी लहर ने देश की हालत खस्ता कर रखी है। संक्रमण के कारण हर रोज काफी ज्यादा मौतें रिकार्ड की जा रही है। देश में वैक्सीनेशन का काम भी जोरों पर चल रहा है। अभी तक 18 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। अभी भी हर रोज संक्रमण के काफी ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। देश के डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार मरीजों के इलाज में लगे हैं।
कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में अभी तक कई डॉक्टर्स संक्रमित हो चुके हैं और दूसरी लहर में अभी तक 244 डॉक्टरों की मौत हो गई है। जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है। इसी बीच इंडियन मेडियल एसोसिएशन (IMA) ने दावा किया है कि कोरोना के संक्रमण के कारण एक ही दिन में उसके 50 डॉक्टरों की मौत हो गई है।
मात्र 3 फीसदी को मिली थी वैक्सीन
IMA के अनुसार सबसे ज्यादा डॉक्टरों की मौतें बिहार में हुई है। बिहार में अभी तक 69 डॉक्टर कोरोना का शिकार बन चुके हैं। बीजेपी शासित यूपी में 34 और आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली में 27 डॉक्टरों के मौत की खबर हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक कोरोना से जितने डॉक्टरों की मौत हुई है, उनमें से केवल 3 फिसदी डॉक्टरों को ही अभी तक वैक्सीन लग पाई थी।
संस्था का कहना है कि भारत सरकार ने बीते 5 महीने से वैक्सीन का कार्यक्रम शुरु कर रखा है लेकिन अभी तक केवल 66 फीसदी हेल्थ वर्कर्स को ही कोरोना का टीका लग सका है। यह बेहद गंभीर स्थिति है। IMA ने कहा कि वो डॉक्टरों को वैक्सीन देने के लिए हर संभव कोशिश करेगी। इन्हें ऐसे ही खतरे के सामने नहीं छोड़ा जा सकता।
पिछले साल हुई थी 736 डॉक्टरों की मौत
IMA ने कोरोना से निपटने के लिए सही कदम न उठाने को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। संस्था ने कहा, कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पैदा हुए हालत से निपटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बेहद सुस्त है। सरकार का ये रवैया देखकर आईएमए हैरान है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार पर बिना जमीनी हकीकत जाने बिना निर्णय लेने का आरोप लगाया। संस्था के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 1 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हो गई है। पिछले साल कोरोना संकट में ही 736 डॉक्टर कोरोना का शिकार हुए थे और कोरोना की दूसरी लहर में अभी तक 244 डॉक्टर दम तोड़ चुके हैं।