पीएफआई पर लगा पांच साल का प्रतिबंध, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) समेत सुरक्षा एजेंसियों ने सात राज्यों में एक बड़ी कार्रवाई की है. वहीं इस करवाई के बाद पीएफआई समेत कई संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है.
इन राज्यों में हुई करवाई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) समेत सुरक्षा एजेंसियों ने सात राज्यों उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ करवाई की और इस दौरान 230 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए।
पीएफआई (PFI) पर लगा बैन
जानकारी के अनुसार, कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी कर दी गई है। यूएपीए एक्ट के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
PFI एक कट्टरपंथी संगठन है और 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी। NIA के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।
पीएफआई (PFI) समेत इन संगठनों पर भी लगा बैन
वहीं पीएफआई (PFI) रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन(केरल), जूनियर फ्रंट पर भी बैन लगा दिया गया है.
यूपी समेत सात राज्यों में हुई 230 से अधिक गिरफ्तारी
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों को लेकर 7 राज्यों में हुई करवाई के तहत 230 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं. एनआईए व पुलिस टीमों ने मंगलवार तड़के से ही पीएफआई के ठिकानों पर छापे मारने शुरू किए, जो दिनभर चले। कर्नाटक में सर्वाधिक 80, जबकि यूपी में 57 लोगों को पकड़ा गया है। वहीं असम व महाराष्ट्र में 25-25 लोगों को गिरफ्तार किया गया। महाराष्ट्र में 15 लोग हिरासत में भी हैं। दिल्ली में 32 लोग हिरासत में हैं, वहीं मध्य प्रदेश में 21 और गुजरात में यह संख्या 17 है। इससे पहले, 22 सितंबर को हुई कार्रवाई में 16 राज्यों में 106 लोग गिरफ्तार किए गए थे।
इस वजह से लगा बैन
एनआईए को मिली सूचना के मुताबिक, पिछली कार्रवाई के बाद पीएफआई की पूरे देश में प्रदर्शन व आतंकी वारदात के जरिये कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश थी। खासतौर पर संवेदनशील इलाकों में अशांति फैलाने की तैयारी कर ली गई थी। इसे देखते हुए ऐसे इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।वहीं एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के अनुसार छापे में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
वहीं पीएफआई ने कहा, हमें निशाना बनाने की केंद्र सरकार की कार्रवाई के खिलाफ लोकतांत्रिक विरोध को रोकने का यह प्रयासभर है और इस निरंकुश सत्ता में ऐसा होना स्वाभाविक ही है।
दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया नगर में लगी धारा 144
वहीं इस करवाई के विरोध में किसी तरह की हिंसा को रोकने और शांति कायम रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों को तैनात किया गया था। शाहीन बाग और जामिया नगर जैसे इलाकों में धारा 144 लागू की गई है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, कई स्थानों पर छापे मारे हैं जिनमें शाहीन बाग और निजामुद्दीन भी शामिल हैं। अब तक 30 लोग हिरासत में लिए हैं। उन्होंने बताया, जांच जारी है। केस नहीं दर्ज किया है।
जानिए क्या है पीएफआई (PFI)
17 फरवरी 2007 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन हुआ था। वहीं ये संगठन दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। वहीं देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। वहीं इस संगठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।