भारतीय सेना के जवान हमारे लिए वो हीरो हैं जो देश की रक्षा करते हैं लेकिन उन्हें वो पहचान नहीं मिल पाती जिसके वो हकदार हैं, क्योंकि जनता उनकी कहानी से जायदा इस समय बात में इंटेर्स्ट रखती है की आज अंबानी की शादी में क्या होना वाला हैं। इन सब खबरों को साइड में रखते हुए आज हम आपको एक ऐसे भारतीय सैनिक के बारे में बताएंगे जिसके बारे में आपने शायद ही सुना होगा। दरअसल हम बात कर रहे हैं भारतीय सेना के टैंक चालक मंदीप सिंह की जिन्होंने वर्ल्ड मेन बैटल टैंक मैन्युवर्स चैंपियनशिप जीतकर देश को गौरवान्वित किया।
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कब आयोजित हुई भारतीय सेना के टैंक चालक मंदीप सिंह
27 मई 2024 को रूस में वर्ल्ड मेन बैटल टैंक मैन्युवर्स चैंपियनशिप आयोजित की गई। इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए भारत की ओर से भारतीय सेना के टैंक चालक मंदीप सिंह ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने दुनिया भर के प्रतियोगियों को हराकर यह चैंपियनशिप जीती। यह पल न केवल भारतीय सेना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। खबरों के मुताबिक, मंदीप सिंह युद्ध के मैदान में 50 टन का T-90 MBT टैंक चला रहे थे और उन्होंने इतने भारी टैंक को इतनी आसानी से चलाया कि देखने वाले हैरान रह गए।
इस प्रतियोगिता की बात करें तो यह चैंपियनशिप 2013 में शुरू हुई थी। इसमें रूस, कजाकिस्तान, बेलारूस और आर्मेनिया ने हिस्सा लिया था। पहली चैंपियनशिप अलाबिनो में आयोजित की गई थी।
ब्रिगेडियर हरदीप सिंह ने शेयर किया जीत का विडियो
शौर्य चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर हरदीप सिंह सोही ने अपना यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। वीडियो में भारतीय टैंकमैन मंदीप सिंह को टैंक चलाते और नदियों और पुलों को पार करते देखा जा सकता है। इस वीडियो को देखने के बाद दर्शक उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
Tank Driver Mandeep Singh Drives 50 Tonnes Machine So Smoothly & Wins World Main Battle Tank Manoeuvres Championship Held in Russia.
Jai Hind 🇮🇳🫡#Sikhs #Punjab #IndianArmy pic.twitter.com/0eC9xTBlCU
— Brigadier Hardeep Singh Sohi,Shaurya Chakra (R) (@Hardisohi) May 27, 2024
मीडिया ने नहीं कवर की ये उपलब्धि
सिंह ने दुनिया भर के प्रतिद्वंद्वियों को मात देते हुए प्रतियोगिता जीती। उनकी जीत न केवल भारतीय टैंक कर्मियों के कौशल को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक परिदृश्य पर एक बड़ी उपलब्धि का भी प्रतिनिधित्व करती है। हालाँकि, यह थोड़ा दुखद है कि उनकी महान उपलब्धि को न तो मीडिया ने महत्व दिया और न ही इस कहानी को कवर किया गया।
क्या थे मुकाबले के नियम?
नियमों के अनुसार, चालक दल को विभिन्न बाधाओं से बचते हुए, नदियों और पुलों को पार करते हुए 20 किलोमीटर (12.5 मील) की दूरी तय करनी होती है। इस दौरान चालक दल को लक्ष्य पर लगातार फायर करना होता है। लक्ष्य चूकने वाले टैंकों को पेनल्टी लैप मिलता है।