उत्तर प्रदेश में लाए जा रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर इस वक्त काफी चर्चाएं हो रही है। जहां एक ओर बड़ी संख्या में लोग इसको लेकर योगी सरकार की तारीफें कर रहे है, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस पर सवाल खड़े करते हुए सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
पहले नंबर पर आ जाएगा भारत
इसमें कोई दो राय नहीं कि भारत की इस वक्त सबसे बड़ी समस्या देश की बढ़ती आबादी ही है। भारत जनसंख्या के मामले में अभी दुनिया में दूसरे नंबर पर है और चीन पहले पर। लेकिन वो वक्त भी ज्यादा दूर नहीं जब भारत चीन को इस मामले में पछाड़ देगा और टॉप पर पहुंच जाएगा।
अगर जिस स्पीड में हमारी जनसंख्या बढ़ रही है, वैसा ही चलता रहा, तो अगले 6 सालों में हम चीन से आगे निकल जाएंगे। दुनिया की आबादी अभी करीब 7.8 अरब है, जिसमें से 17.5% हिस्सा भारत का है।
भारत की आबादी फिलहाल एक अरब 39 करोड़ के पार पहुंच गई। वहीं चीन की आबादी 144 करोड़ से ज्यादा, लेकिन अगले 12 सालों में भारत की आबादी चीन से 8 फीसदी से ज्यादा होने का अनुमान है। वहीं 2050 में हमारी जनसंख्या चीन से 25 फीसदी ज्यादा हो सकती है। ये हम आपको पॉपुलेशन रेफरेंस ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर बता रहे हैं।
जनसंख्या के मामले में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार लगातार जागरूकता अभियान चला चुकी है। ‘बच्चे हो दी अच्छे’, ‘हम दो, हमारे दो’, ‘छोटा परिवार, सुखी परिवार’ जैसे कई नारे लोगों को जागरूक करने के लिए अब तक दिए जा चुके हैं, लेकिन इनका कुछ खासा असर दिखा नहीं।
कई राज्यों की आबादी देशों से भी ज्यादा
चीन का भौगोलिक क्षेत्रफल भारत से तीन गुना ज्यादा है, फिर भी आने वाले कुछ सालों में भारत चीन को ‘आबादी युद्ध’ में परास्त करने जा रहा है। भारत के ऐसे कई राज्य हैं, जिनकी आबादी कुछ देशों से भी ज्यादा है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश की आबादी ब्राजील के बराबर है। बिहार की आबादी मेक्सिकों, जबकि इटली की आबादी गुजरात, कर्नाटक की आबादी फ्रांस जितनी है।
किसी भी देश की अगर आबादी बढ़ती जाएगी, तो वहां के विकास पर भी इसका काफी असर पड़ता है। बढ़ती जनसंख्या के साथ कई लोग बुनियादी जरूरतों तक से भी वंचित रह जाते हैं।
जनसंख्या नियंत्रण जरूरत भी, लेकिन…
ऐसे में इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बना हुआ है जनसंख्या नियंत्रण कानून। उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्य ने तो इस काम शुरू भी कर दिया। लेकिन सिर्फ इन राज्यों ही नहीं वक्त आ गया है कि अब पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए जरूरी है।
हालांकि जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना, किसी भी देश के लिए उतना आसान भी नहीं। चीन ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ तक लागू कर चुका था, जिसे खत्म कर दिया गया था। वहीं इसके बाद टू चाइल्ड पॉलिसी को इजाजत दे गई, लेकिन अब हाल ही में चीन ने तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दी है।
दरअसल, घटती जनसंख्या भी चीन के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी। इसकी वजह से वहां बूढ़ें लोगों की आबादी ज्यादा थी, जबकि युवाओं की जनसंख्या कम हो गई थी। देश की बूढ़ी होती आबादी को देखते हुए ये नौबत आ गई कि चीन को तीन बच्चों की इजाजत देनी पड़ी।