India will attack Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर हमला करने की संभावना पर गंभीर विचार करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया भर के नेताओं से बातचीत की है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने जा रहा है। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत ने इन संवादों का उद्देश्य अपने कदमों को वैश्विक मंच पर सही ठहराना और पाकिस्तान पर कार्रवाई की योजना साझा करना था।
पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया- India will attack Pakistan
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस भयानक आतंकी हमले ने भारत में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना के बाद 100 से अधिक देशों के राजनयिकों को भारतीय विदेश मंत्रालय में बुलाकर एक ब्रीफिंग दी, जिसमें पाकिस्तान पर हमले के लिए जरूरी सैन्य कार्रवाई की योजना के बारे में जानकारी दी गई। भारतीय अधिकारियों ने इस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि पाकिस्तान पर यह हमला करने वाले आतंकवादी समूह भारत को निशाना बना रहे हैं और इन आतंकवादियों को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है।
भारत ने पाकिस्तान पर इस हमले का आरोप लगाया है, और इसके बाद पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की ओर इशारा किया गया, जिनके आदेश पर हमलावरों ने यह हमला किया था। भारत की जांच में यह पाया गया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था, हालांकि पाकिस्तान ने इस आरोप से इनकार किया है।
ग्लोबल मंच पर भारत की स्थिति
भारत ने इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय से खुद को सही ठहराने के लिए कई देशों से समर्थन प्राप्त किया है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भारत की कूटनीतिक और आर्थिक ताकत अब इस प्रकार बढ़ चुकी है कि वह वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है। ईरान और सऊदी अरब जैसी शक्तियों ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने संयम बनाए रखने का आह्वान किया है।
क्या अमेरिका भारत के साथ होगा?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन ने 2019 में पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव के समय भारत को समर्थन दिया था। वही रुख इस बार भी अपनाया गया है, लेकिन इस बार अमेरिका के युद्ध में शामिल होने पर कुछ स्पष्टता नहीं है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के डैनियल मार्की ने कहा कि भले ही अमेरिका युद्ध में शामिल न हो, लेकिन उसकी मौजूदगी का प्रभाव दक्षिण एशिया में जरूर होगा।
भारत के सैन्य विकल्प
भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने कहा कि अगर कश्मीर में एक और आतंकवादी हमला होता है, तो भारत के पास पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। हालांकि, मेनन ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच प्रतिशोध का खतरा हमेशा रहता है, लेकिन वह उम्मीद करते हैं कि दोनों देश किसी भी कार्रवाई को नियंत्रित रखेंगे और स्थिति हाथ से बाहर नहीं जाएगी।