India Action On Bangladesh: भारत द्वारा बांग्लादेश के साथ ट्रांसशिपमेंट समझौते को रद्द करने का फैसला आते ही ढाका में राजनीतिक और राजनयिक हलकों में हलचल मच गई है। इस फैसले के चलते अब बांग्लादेश अपने निर्यात सामान को भारत के ज़रिए तीसरे देशों तक नहीं भेज पाएगा। भारत का यह कदम ऐसे वक्त पर आया है जब कुछ ही दिन पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर भारत को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी को भारत ने सहज नहीं लिया और अब ट्रांसशिपमेंट की सुविधा को समाप्त करने की घोषणा कर दी है।
मोहम्मद यूनुस की टिप्पणी से बढ़ी तल्खी- India Action On Bangladesh
बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन की यात्रा के दौरान बयान दिया था कि भारत का पूर्वोत्तर इलाका चारों ओर से ज़मीन से घिरा हुआ है और बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए एकमात्र “समंदर का सिकंदर” है। इस बयान को भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता और रणनीतिक निर्भरता पर सीधी टिप्पणी माना गया, जिसे लेकर भारत की ओर से नाराज़गी ज़ाहिर की गई।
बांग्लादेश का दावा – “कोई असर नहीं होगा”
भारत के इस फैसले के बाद बांग्लादेश के अंतरिम वाणिज्य सलाहकार शेख बशीर उद्दीन ने बयान जारी कर कहा कि भारत द्वारा ट्रांसशिपमेंट की सुविधा हटाए जाने से बांग्लादेश पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि बुधवार को व्यापारिक प्रतिनिधियों और खरीदारों के साथ बैठक हुई है, और बांग्लादेश अपनी व्यापारिक व्यवस्था और कनेक्टिविटी को सुधारने की दिशा में कार्य कर रहा है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की वाणिज्यिक क्षमताओं को और अधिक मज़बूती दी जाएगी ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में कोई गिरावट न आए। उन्होंने यह भी कहा कि नई कनेक्टिविटी विकल्पों पर काम शुरू हो चुका है।
भारत ने 2020 के आदेश को किया निरस्त
29 जून 2020 को भारत ने बांग्लादेश को ट्रांसशिपमेंट के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग करने की इजाज़त दी थी, ताकि वह तीसरे देशों तक सामान भेज सके। लेकिन अब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस आदेश को रद्द कर दिया है। इस फैसले से बांग्लादेश को न केवल लॉजिस्टिक झटका लगा है, बल्कि इससे उनके निर्यात लागत में भी इजाफा होने की आशंका है।
क्या बांग्लादेश करेगा जवाबी कार्रवाई?
सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के नागरिक और कुछ विश्लेषक अब भारत के खिलाफ पारगमन व्यवस्था को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, इस पर वाणिज्य सलाहकार बशीर उद्दीन ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। उनकी भूमिका केवल व्यापारिक क्षमता और आंतरिक व्यवस्था को बेहतर बनाने तक सीमित है।
पत्र भेजे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत को किसी औपचारिक प्रतिक्रिया भेजने की योजना फिलहाल नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका द्वारा अतिरिक्त शुल्क को तीन महीने के लिए स्थगित करने से बांग्लादेश को तात्कालिक राहत मिली है, जिससे बातचीत के लिए कुछ समय हासिल हुआ है।