21 अप्रैल की सुबह यमुना एक्सप्रेसवे पर कुबेरपुर के पास अर्टिगा कार का अगला टायर फट गया और कार के परखच्चे उड़ गए। इस हादसे के कारण कार में सवार पांच लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि एक्सप्रेसवे पर कार अपनी रफ्तार से चल रही थी। इसी दौरान कार का अगला पहिया जोरदार तेजी के साथ फट गया और कार अनियंत्रित होकर पलट गई। कार इतनी तेजी से जा रही थी कि कई बार पलटते हुए बैरियर से टकराई और कुछ ही सेकंड में उसके परखच्चे उड़ गए। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि कार चालक को गाड़ी संभालने का मौका ही नहीं मिला। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि एक्सप्रेसवे पर ऐसी घटना हुई है। इससे पहले भी देशभर के कई एक्सप्रेसवे पर इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी है कि एक्सप्रेसवे पर गाड़ी का टायर फटने के पीछे क्या कारण हैं और आप इससे कैसे बच सकते हैं।
क्यों फटता है टायर?
ज्यादातर टायर फटने की घटनाएं तब होती हैं जब टायर का स्ट्रक्चर डैमेज हो और टायर अपने भीतर हवा को रोक पाने में सक्षम न हो। रिपोर्ट्स के मुताबिक टायर फटने के तकरीबन 75% मामलों में पाया गया है कि एक्सीडेंट के दौरान टायर में हवा कम थी। वहीं, गर्मी के मौसम में टायर फटने की घटना ज्यादा सुनने और देखने को मिलती है. इसकी असल वजह है टायर का तापमान बढ़ना। चलती कार का टायर सीधे सड़क के संपर्क में रहता है और घर्षण के कारण टायर का तापमान काफी बढ़ जाता है. ऐसे में यदि टायर का स्ट्रक्चर मजबूत नहीं है तो टायर फटने की संभावना बढ़ जाती है।
एक्सप्रेस-वे पर घटनाएं बढ़ती जा रही हैं
एक्सप्रेसवे पर टायर फटने की घटनाओं में वृद्धि का एक प्रमुख कारण यह है कि जब चालक सड़क की बेहतर स्थिति देखते हैं तो वे अपनी गति बढ़ा देते हैं। जाहिर है, अधिक गति से टायर और सड़क के बीच घर्षण बढ़ जाता है। दूसरा कारण यह है कि एक्सप्रेसवे के निर्माण में कंक्रीट या सीमेंट का प्रयोग तेजी से हो रहा है। बिटुमेन का उपयोग पारंपरिक सड़कों पर किया जाता है। कंक्रीट की सड़कों पर टायरों के घर्षण से अधिक गर्मी उत्पन्न होती है। ऐसे में टायर फटने का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे करें बचाव
जब भी आप घर से निकलें, खासकर लंबी ड्राइव के लिए तो वाहन के टायरों में हवा का दबाव ठीक से जांच लें। ध्यान रहे कि यह तय मानकों के अनुरूप हो। गर्मियों में सामान्य से थोड़ी कम हवा भरनी चाहिए। एक और बात जानना बहुत जरूरी है। अपनी कार के टायरों में नाइट्रोजन भरें। नाइट्रोजन बहुत ठंडी होती है। यह उच्च दबाव को आसानी से सहन कर लेता है और टायर को ठंडा रखता है। यह टायर को ज़्यादा गरम होने और फटने से बचाता है।
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