पिछले महीने भारतीय रेलवे को लेकर एक खबर खूब फैली थी जिसमें स्टेशन मास्टर ड्यूटी के दौरान सो गया था जिसके कारण वह ट्रेन को सिग्नल नहीं दे पाया और ट्रेन में मौजूद लोको पायलट स्टेशन मास्टर को जगाने के लिए आधे घंटे तक हॉर्न बजाता रहा। यहां स्टेशन मास्टर की लापरवाही के कारण बड़ा रेल हादसा हो सकता था। लेकिन लोको पायलट की समझदारी की वजह से हादसा ताल गया। वहीं एक और ट्रेन हादसे से जुड़ा यह नया मामला है जिसे मीडिया ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा है। तो चलिए हम ही आपको पूरा मामला बताते हैं। बिहार के समस्तीपुर में एक बच्चे की सूझबूझ की वजह से शनिवार की सुबह समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर हावड़ा से काठगोदाम जा रही बाघ एक्सप्रेस हादसे का शिकार होने से बच गई। दरअसल, टूटी रेल पटरी को देखकर एक किशोर ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए गमछा लहराकर ट्रेन को रुकवा दिया। जिससे ट्रेन हादसा टल गया।
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ये है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार यह घटना शनिवार की है। करीब एक घंटे विलंब से चल रही बाघ एक्सप्रेस शनिवार की सुबह 9.44 बजे समस्तीपुर स्टेशन पहुंची। स्टेशन से आगे बढ़ने पर भोला टॉकीज गुमटी से आगे अप लाइन पर रेल पटरी टूटी हुई थी। उसी समय न्यू कॉलोनी निवासी मो. शकील का 12 वर्षीय पुत्र मो. शहबाज रेल लाइन होकर अपने घर जा रहा था। उसकी नजर टूटी पटरी पर पड़ी। और अच्छी बात यह रही कि उसी समय स्टेशन की तरफ से एक ट्रेन आ रही थी। जिसके बाद शहबाज ने समझदार इंसान की तरह स्थिति को संभालते हुए अपने गले में लपेटे लाल गमछे को लहराना शुरू कर दिया। उसे गमछा लहराते देख ट्रेन के लोको पायलट को समझ आ गया कि आगे जरूर कुछ गड़बड़ है, जिसके बाद लोको पायलट ने सिंगल लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगाया। हालांकि तब तक ट्रेन की तीन बोगियां टूटी पटरी को पार कर चुकी थी।
समस्तीपुर में बच्चे ने सूझ-बूझ से बचा ली हजारों लोगों की जान, टूटी पटरी देखी तो लाल गमछा दिखाकर रोकी ट्रेन, टला बड़ा हादसा…@spjdivn @ECRlyHJP @RailMinIndia#samastipur#samastipur_town#railway pic.twitter.com/TgEiuKlINE
— Samastipur Town (@samastipurtown) June 1, 2024
बड़ा हादसा टला
इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद जब ट्रेन रुकी तो लोको पायलट विद्यासागर नीचे उतरे और शाहबाज से गमछा लहराने का कारण पूछा। इसके बाद शाहबाज ने लोको पायलट को टूटी पटरी की जानकारी दी। तब तक ट्रेन के गार्ड अरुण कुमार दुबे भी पहुंच गए थे। टूटी पटरी को देखने के बाद लोको पायलट और गार्ड ने तुरंत विभाग को सूचना दी। जिसके बाद ट्रैक मेंटेनेंस टीम पहुंची और पटरी की मरम्मत की। जिसके बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। मरम्मत के कारण करीब 45 मिनट तक ट्रेन रुकी रही। हालांकि अच्छी बात यह रही कि शाहबाज की वजह से बिहार में एक बड़ा रेल हादसा टल गया।
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