Immigration and Foreigners Act: भारत में इमिग्रेशन और विदेशियों के नियंत्रण को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट 2025 पारित कर दिया गया है। इस नए कानून का उद्देश्य भारत में विदेशियों के प्रवेश, निवास और देश से बाहर जाने की प्रक्रियाओं को नियंत्रित करना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और व्यापार जैसे उद्देश्यों से भारत आने वालों का स्वागत करती है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है।
नए इमिग्रेशन कानून की खास बातें- Immigration and Foreigners Act
इस विधेयक के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका असर भारत में विदेशी नागरिकों की प्रवेश और निवास प्रक्रिया पर पड़ेगा। यह नया कानून पुराने पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939, विदेशियों का अधिनियम 1946, और 2000 का इमिग्रेशन कानून को निरस्त करता है। इन पुराने कानूनों को हटाकर सरकार ने इस नए कानून को लागू किया है, जो भारत में इमिग्रेशन की प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने का उद्देश्य रखता है।
विदेशियों की श्रेणियां और दंड प्रावधान
इस नए कानून में विदेशियों को छह अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इससे उनकी जिम्मेदारियों और अधिकारों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सकेगा। इसके अलावा, नए अधिनियम में अवैध प्रवेश, जाली दस्तावेजों का उपयोग, वीजा शर्तों के उल्लंघन जैसे मामलों में सख्त दंड का प्रावधान है। इसका उद्देश्य अवैध इमिग्रेशन को रोकना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।
शरणार्थियों के लिए सुरक्षा और वीजा प्रक्रियाओं का सरलीकरण
इस विधेयक में शरणार्थियों के लिए बेहतर सुरक्षा उपाय भी शामिल हैं, ताकि उन्हें कानूनी मान्यता और सहायता मिल सके। यह प्रावधान अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और भारत की मानवीय प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है। इसके साथ ही, यह नया कानून वास्तविक यात्रियों, छात्रों और पेशेवरों के लिए वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाता है, जिससे भारत में प्रवेश और निवास की प्रक्रिया अधिक सुगम हो सके।
अवैध प्रवासियों और दंड की गंभीरता
नए कानून में अवैध प्रवासियों को लेकर कड़े प्रावधान रखे गए हैं। अगर कोई व्यक्ति वैध दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश करता है या अपने वीजा की अवधि से अधिक समय तक देश में रहता है, तो उसे अवैध प्रवासी माना जाएगा। ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में लेने, निर्वासित करने या ब्लैकलिस्ट करने का अधिकार अधिकारियों को दिया गया है। इसके अलावा, वीजा की अवधि से अधिक समय तक रहने पर जुर्माने की राशि भी बढ़ा दी गई है।
सख्त दंड प्रावधान और अपराधी गतिविधियों का दमन
नए कानून के तहत, अगर कोई व्यक्ति आपराधिक गतिविधियों या धोखाधड़ी में शामिल होता है, तो उसका वीजा रद्द किया जा सकता है। इसके अलावा, ऐसे व्यक्तियों को आपराधिक गतिविधियों, आतंकवाद या गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में दोषी पाए जाने पर कारावास, निर्वासन और स्थायी रूप से ब्लैकलिस्ट किए जाने की सजा भी हो सकती है।
इसके साथ ही, यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से फिर से भारत में प्रवेश करने की कोशिश करता है, तो उसे 10 साल तक की कैद और आजीवन प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट 2025 भारत में इमिग्रेशन प्रक्रिया को अधिक संगठित, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नए कानून अवैध प्रवासियों को रोकने, शरणार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेंगे। हालांकि, इसमें कड़े दंड प्रावधान और कानून के उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना है, जो इस नए कानून को और अधिक प्रभावी बनाएगा।