भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) की स्थापना 17 अगस्त 1965 को इंदिरा गांधी ने की थी। इसकी शुरुआत एक बहुत ही छोटे से स्टाफ और यूनेस्को के दो सलाहकारों के साथ हुई थी। लेकिन जल्द ही यह पत्रकारिता का एक बहुत बड़ा संस्थान बन गया। अब ये संस्थान फिर से चर्चा में है। दरअसल, यहां पढ़ने वाली छात्रा सुधा यादव ने अपने प्रोफेसर राकेश उपाध्याय पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए एक्स पर एक लंबी पोस्ट शेयर की है। आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।
एसोसिएट प्रोफेसर राकेश उपाध्याय IIMC में हिंदी पत्रकारिता विभाग के निदेशक हैं। उपाध्याय को पत्रकारिता और अकादमिक शोध के क्षेत्र में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। हालांकि, इस बार वे एक अलग विवाद में फंस गए हैं। दरअसल, उनकी एक छात्रा सुधा यादव ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और आज यानी 20 जून को दोपहर 1.50 बजे अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘वह (राकेश उपाध्याय) अब मेरे साथ सरेआम बदतमीजी कर रहे हैं। वह मुझे धमका रहे हैं, मुझे बर्बाद करने की बात कर रहे हैं। IIMC संस्थान को अपनी जागीर बताकर वह मुझे नौकरी न मिलने की धमकी दे रहे हैं और मेरे खिलाफ कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। अब यह बर्दाश्त से बाहर हो रहा है, इसलिए मैं अपनी यह आपबीती लिख रही हूँ।’
महीनों तक मानसिक उत्पीड़न करने के बाद प्रोफेसर @Prof_RKU (राकेश उपाध्याय) अब पब्लिकली मेरे साथ बदतमीजी कर रहे हैं।धमकी दे रहे हैं, बर्बाद करने की बात कर रहे हैं। IIMC संस्थान को अपनी जागीर बताते हुए पूरे मीडिया में कहीं जॉब ना लगने की धमकी देते हुए, देख लेने की बात कर रहे हैं। अब… pic.twitter.com/VkaHManVeh
— Sudha Yadav (@Sudha6644) June 20, 2024
आंतरिक तौर पर भेदभाव का शिकार हुई सुधा
सुधा ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में लिखा, ‘जब मैंने कुछ दिन पहले IIMC India के प्लेसमेंट प्रशासन में अनियमितताओं पर सवाल उठाए थे, तो मुझे इस बात का अंदाजा था कि प्लेसमेंट में मुझे आंतरिक भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मुझे अपने सहपाठियों के सामने सामाजिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाएगा। घटना 19 जून की देर दोपहर की है, जब The Lallantop कैंपस प्लेसमेंट के लिए कक्षा में भाग लेने वाले छात्रों को दिशा-निर्देश दे रहा था, तभी IIMC प्लेसमेंट कमेटी के प्रमुख प्रो. राकेश उपाध्याय की नजर मुझ पर पड़ी और मुझे देखते ही वे अपना आपा खो बैठे।’
सुधा आगे लिखा,‘उन्होंने लल्लनटॉप रिक्रूटर्स को टोकते हुए मुझसे कहा, “तुम टेस्ट में क्यों बैठी हो? तुमने संस्थान की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। ट्विटर पर संस्थान को बदनाम करने के बाद टेस्ट देने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई!” उन्होंने मुझे सामाजिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और कहा, “तुम बेशर्मी से टेस्ट में बैठे हो, तुम्हें प्लेसमेंट में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। तुमने जो किया है उसके लिए तुम्हारा रिजल्ट रोक दिया जाना चाहिए था।” श्री राकेश उपाध्याय यहीं नहीं रुके और मेरी पूरी क्लास और लल्लनटॉप टीम के सामने 7 से 8 मिनट तक मुझे सुनाते रहे।’
प्रोफेसर ने सुधा को करियर बर्बाद करने की दी धमकी
सुधा को लगातार फटकारने के बाद भी जब राकेश उपाध्याय संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने कहा, “देखता हूं तुम्हें कौन नौकरी देता है। मैं तुम्हारा करियर बर्बाद कर दूंगा।” प्रोफेसर के ऐसे व्यवहार को देखते हुए सुधा ने IIMC India की आंतरिक शिकायत समिति से इस मुद्दे को लेकर शिकायत की है और इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की अनुमति भी मांगी है।
सुधा ने जब एक पोस्ट के जरिए राकेश उपाध्याय की पोल खोली तो प्रोफेसर का रवैया अचानक बदल गया और वह उससे प्यार से बात करने लगे और पर्सनल मैसेज के जरिए उससे मामला खत्म करने को कहने लगे। जिसके स्क्रीनशॉट भी सुधा ने अपनी पोस्ट में शेयर किए।