IIM के छात्रों और शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरी बयानबाजी और हमलों को लेकर सवाल उठाया है। छात्रों के इस पत्र में 183 लोगों के हस्ताक्षर है, जिसमें से 13 आईआईएम बेंगलुरु और तीन आईआईएम अहमदाबाद के फैकल्टी के सदस्य है।
पत्र में लिखा गया कि माननीय प्रधानमंत्री हमारे देश में बढ़ती असहिष्णुता पर आपकी चुप्पी हमारे लिए निराशाजनक है, जो हमारे देश के ताने-बाने को महत्व देते है। उन्होंने पत्र में लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री आपकी चुप्पी सिर्फ नफरत भरी आवाजों को ही बल देती है, जो कि हमारी देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।
इसी के साथ ही पीएम मोदी से पत्र में देश को उन ताकतों से दूर करने का अनुरोध किया गया है, जो देश को विभाजित करती है। इस पत्र को आईआईएम बेंगलुरु के फैकल्टी के पांच सदस्यों ने तैयार किया है।
इस पत्र में दक्षिणी बेंगलुरु के सांसद तेजस्वी सूर्या के मुस्लिमों-ईसाइयों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए हिंदुओं को उकसाने वाला बयान, देशभर में चर्चों पर हुए हालिया हमले और हरिद्वार में हुए धर्म संसद में नफरती भाषणबाजी पर चिंता जताई गई।