महामारी कोरोना का खतरा देश पर से अभी तक टला नहीं। सेकेंड वेव की तबाही के बाद अब भले ही संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ी हुई हो, लेकिन थर्ड वेव की टेंशन अभी भी बरकरार है। जहां एक ओर सभी राज्यों के हालात कंट्रोल में आ गए है, तो इस बीच भी केरल में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने चिंता बढ़ाई हुई है। फिलहाल देश में सामने आ रहे कुल मामलों में से 50% प्रतिशत केस तो सिर्फ केरल से ही आ रहे हैं।
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच एंटीबॉडी को लेकर किए गए सीरो सर्वे में बड़ी बात निकलकर सामने आई है। सर्वे देश के 70 जिलों में किया गया, जिसमें ये पता कि कहां अब तक कितनी एंटीबॉडी बनी।
एंटीबॉडी के मामले में ये राज्य टॉप पर
21 राज्यों में किए गए सर्वे में सामने आया है कि दो-तिहाई आबादी में कोरोना की एंटीबॉडी डेवलप हुई। एंटीबॉडी विकसित करने के मामले में मध्य प्रदेश राज्य सबसे आगे है। यहां अब तक 79 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाई गई। जबकि इस मामले में सबसे पीछे केरल ही है। यहां अब तक 44.4 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई। केरल ही वो राज्य है, जो इस वक्त कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
दूसरे राज्यों के बारे में भी जानिए…
ICMR का ये चौथा सीरो सर्वे है, जो 14 जून से 16 जुलाई के बीच 29 हजार लोगों पर किया गया। एमपी और केरल के अलावा बात अगर बाकी दूसरे राज्यों की करें तो रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में 76.2 प्रतिशत और बिहार में 75.9 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी विकसित हुई।
इसके अलावा गुजरात में 75.3 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 74.6 फीसदी, यूपी में 71 प्रतिशत, आंध प्रदेश में 70.2, कर्नाटक में 69.8, तमिलनाडु में 69.2, ओडिशा में 68.1, पंजाब में 66.5, तेलंगाना में 63.1, जम्मू-कश्मीर में 60.9, पश्चिम बंगाल में 60.9, हरियाणा में 60.1, महाराष्ट्र में 58 और असम में 50.3 प्रतिशत लोगों में वैक्सीन डेवलेप हुई।
सीरो सर्वे से पता चलता है कि कोरोना के खिलाफ कितने लोगों में एंटीबॉडी विकसित हुई। ये या तो कोरोना के संक्रमण होने के बाद बनती है या फिर वैक्सीनेशन से। एंटीबॉडी संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।
केरल को लेकर चिंताएं बरकरार
इस सीरो सर्वे में अभी सबसे पीछे केरल आया है। जिसका मतलब ये हो सकता है कि हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने में केरल सबसे पीछे है। जिस तरह से अभी केरल में केस सामने आ रहे हैं, उससे ऐसा लगता है भी है। संक्रमण के जितने ज्यादा केस आते है उसका यही मतलब है कि अभी तक काफी लोगों में एंटीबॉडी विकसित नहीं हुई।
सीरो सर्वे में जो नतीजे सामने आए, उसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सुझाव दिया है कि वो ICMR के दिशा-निर्देश में अपनी खुद की सीरोप्रिवलेंस स्टडी कराएं। जिससे कोरोना को अच्छे से नियंत्रण करने में और मदद मिलेगी।