Hyperloop launch in India: भारत अब भविष्य के यातायात को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। बुलेट ट्रेन के बाद अब हाइपरलूप तकनीक को भी देश में लाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, भारत का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक तैयार कर लिया गया है। यह ट्रैक महज 30 मिनट में 300 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम होगा।
IIT मद्रास और भारतीय रेलवे का सहयोग- Hyperloop launch in India
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इस परियोजना की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह टेस्ट ट्रैक IIT मद्रास की सहायता से तैयार किया गया है और यह 422 मीटर लंबा है। इस उपलब्धि को भविष्य की यातायात प्रणाली के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है। सरकार ने इसे और आगे बढ़ाने के लिए IIT मद्रास को 1 मिलियन डॉलर का अनुदान देने की भी घोषणा की है।
The hyperloop project at @iitmadras; Government-academia collaboration is driving innovation in futuristic transportation. pic.twitter.com/S1r1wirK5o
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) February 24, 2025
हाइपरलूप ट्रैक क्या है?
हाइपरलूप एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली है, जिसमें ट्रेन को एक वैक्यूम ट्यूब में हाई-स्पीड पर चलाया जाता है। यह तकनीक सार्वजनिक परिवहन को तेज, सुरक्षित और ऊर्जा-कुशल बनाने की क्षमता रखती है। अमेरिका के लास वेगास में 2020 में वर्जिन हाइपरलूप के 500 मीटर के ट्रैक पर परीक्षण किया गया था, जिसमें इसकी गति 161 किमी/घंटा दर्ज की गई थी।
भारत में हाइपरलूप परियोजना की प्रगति
भारत में इस तकनीक को भारतीय रेलवे, IIT मद्रास की अविष्कार हाइपरलूप टीम और TuTr हाइपरलूप स्टार्टअप की साझेदारी में विकसित किया जा रहा है। शुरुआती परीक्षणों में इस ट्रैक पर 100 किमी/घंटा की गति प्राप्त की गई थी, लेकिन आगामी परीक्षणों में इसे 600 किमी/घंटा तक बढ़ाने की योजना है।
यूरोप और अन्य देशों में हाइपरलूप
यूरोप में इस तकनीक को पहले ही अपनाया जा चुका है। वहां सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक विकसित किया गया है, और 2050 तक 10,000 किमी लंबा हाइपरलूप नेटवर्क बनाने की योजना है। यह बताता है कि आने वाले समय में हाइपरलूप वैश्विक परिवहन का एक अभिन्न हिस्सा बन सकता है।
हाइपरलूप बनाम बुलेट ट्रेन
भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी तेजी से काम किया जा रहा है। रेल मंत्री ने अप्रैल 2024 में कहा था कि 2026 तक भारत में पहली बुलेट ट्रेन चलने लगेगी, जिसकी गति 320 किमी/घंटा होगी।
हालांकि, हाइपरलूप इससे भी तेज गति प्राप्त कर सकता है। यदि परीक्षण सफल होते हैं, तो हाइपरलूप ट्रेन की गति 600-1200 किमी/घंटा तक हो सकती है, जिससे यह बुलेट ट्रेन से भी अधिक प्रभावी परिवहन साधन बन सकता है। उदाहरण के लिए, 300 किमी की यात्रा महज 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
भारत में परिवहन क्रांति की नई शुरुआत
हाइपरलूप तकनीक के सफल होने पर यह देश में यातायात का पांचवां और सबसे तेज माध्यम बन जाएगा। भारत सरकार रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को स्मार्ट और हाई-टेक बनाने की दिशा में लगातार निवेश कर रही है।
भारत का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक तैयार होने के साथ ही, देश ने भविष्य के उन्नत यातायात की ओर एक और कदम बढ़ा लिया है। यदि यह परियोजना सफल होती है, तो हाइपरलूप भारत के यातायात क्षेत्र में नवाचार और क्रांति का पर्याय बन सकता है।