How to get Vanuatu citizenship: आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी के वानुआतु की नागरिकता लेने के बाद यह द्वीपीय देश सुर्खियों में आ गया है। वानुआतु उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल है जो सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट (CBI) स्कीम के तहत नागरिकता प्रदान करते हैं। इस योजना के तहत विदेशी निवेशकों को नागरिकता बेची जाती है, जिससे सरकार को आर्थिक लाभ होता है। हालांकि, इस नीति पर विवाद भी खड़े होते रहे हैं, क्योंकि इसे अक्सर टैक्स हेवेन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों से जोड़ा जाता है।
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कैसे मिलता है वानुआतु का गोल्डन पासपोर्ट? (How to get Vanuatu citizenship)
वानुआतु की नागरिकता प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति को 1.18 से 1.35 करोड़ रुपये का निवेश करना होता है। दिलचस्प बात यह है कि इसके लिए आवेदक को देश में रहने की भी जरूरत नहीं पड़ती। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है और मात्र 30 से 60 दिनों में पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है। वानुआतु के इस ‘गोल्डन पासपोर्ट’ की लोकप्रियता इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि यह 113 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करता है।
क्या है वानुआतु की वैश्विक पासपोर्ट रैंकिंग?
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, वानुआतु का पासपोर्ट दुनिया में 51वें स्थान पर है। यह सऊदी अरब (57), चीन (59) और इंडोनेशिया (64) से भी ऊंची रैंकिंग पर है। भारत इस रैंकिंग में 80वें स्थान पर आता है। वानुआतु के नागरिकों को यूरोप, ब्रिटेन, सिंगापुर और कई अन्य देशों में बिना वीजा के यात्रा करने की अनुमति है, जिससे यह दुनिया के धनी व्यक्तियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
क्यों वानुआतु बना टैक्स हेवेन?
वानुआतु की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से टूरिज्म, मछली पालन और विदेशी वित्तीय सेवाओं पर आधारित है। यहां न तो इनकम टैक्स लगता है, न ही संपत्ति, उत्तराधिकार या पूंजीगत लाभ पर कोई कर लगाया जाता है। सरकार की आय का बड़ा स्रोत नागरिकता बेचने से मिलने वाला पैसा है। इस नीति के कारण यह कई अमीर व्यापारियों और कॉरपोरेट हस्तियों के लिए टैक्स बचाने का एक आदर्श स्थान बन चुका है।
अन्य कौन-कौन से देश बेचते हैं नागरिकता?
गोल्डन पासपोर्ट स्कीम केवल वानुआतु तक सीमित नहीं है। कई अन्य देश भी इसी तरह नागरिकता प्रदान करते हैं। अमेरिका ने भी ‘गोल्डन कार्ड’ स्कीम शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत 50 मिलियन डॉलर के निवेश पर अमेरिकी नागरिकता मिल सकती है। इसी तरह तुर्की, माल्टा, एंटीगुआ, मोंटेनेग्रो, बारबुडा, डोमिनिका और मिश्र भी निवेशकों को नागरिकता बेचते हैं।
क्या वानुआतु अपराधियों और भगोड़ों की शरणस्थली बन रहा है?
वानुआतु की नागरिकता के दुरुपयोग को लेकर कई सवाल खड़े हो चुके हैं। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के गुप्ता ब्रदर्स, जो कई घोटालों में शामिल थे, की वानुआतु भागने की खबरें आई थीं। इसी तरह, छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव एप घोटाले के आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के भी वानुआतु में शरण लेने की अफवाहें फैली थीं।
हालांकि, वानुआतु सरकार का कहना है कि वे नागरिकता देने से पहले कड़ी जांच प्रक्रिया अपनाते हैं। लेकिन आलोचकों का मानना है कि यह देश मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध वित्तीय गतिविधियों का केंद्र बन सकता है।