कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर काफी समय से घमासान मचा हुआ है। लोकसभा चुनाव में हारने के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था और इसके बाद सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन इस बीच अध्यक्ष को लेकर पार्टी में लगातार अंदरुनी कलह देखने को मिलती आ रही हैं। कई कांग्रेसी नेता पार्टी को जो हाल की स्थिति है, उसको देखते हुए कई बार पूर्ण अध्यक्ष की मांग कर चुके हैं।
पार्टी के कई नेता राहुल गांधी को ही दोबारा से अध्यक्ष बनाने की मांग करते हैं। तो कुछ नेताओं की मांग ये भी हैं कि अब गांधी परिवार से बाहर किसी को ये जिम्मेदारी मिले।
मई में कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने की संभावना
कांग्रेस में जारी घमासान के बीच मई में पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो सकता है। ये फैसला आज यानी शुक्रवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की हुई बैठक में किया गया। यानी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद ही कांग्रेस अपना अध्यक्ष चुनेगी। आज हम आपको बताते हैं कि आखिर कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद का चुनाव कैसे होता है…?
ऐसे होता है अध्यक्ष का चुनाव
कांग्रेस पार्टी के संविधान में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई है। पार्टी की शीर्ष इकाई यानि कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) अध्यक्ष पद के चुनाव की तारीख तय करती है। साथ में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए सबसे पहले पार्टी किसी एक वरिष्ठ सदस्य को रिटर्निंग अधिकारी के तैयार को नियुक्त करती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावक बन सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के लिए कोई भी सदस्य खुद को प्रत्याशी बना सकता है, लेकिन उसके पास प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 10 सदस्यों का समर्थन होना जरूरी है। जो भी उम्मीदवार बनाए जाते हैं, उनके नामों को रिटर्निंग अधिकारी के पास रखा जाता है। किसी भी आम चुनाव की ही तरह कांग्रेस पार्टी में भी नाम प्रकाशित होने के बाद नामांकन वापस लेने के लिए सात दिनों का वक्त दिया जाता है।
अगर अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ एक ही उम्मीदवार है, तो ऐसे में उसे अगले कांग्रेस पूर्ण सत्र का अध्यक्ष घोषित कर दिया जाता है। वहीं अगर अध्यक्ष पद के लिए कई उम्मीदवार होते हैं, तो ऐसे में जीत हासिल करने के लिए कुल वोटो में कम से कम 50 वोट हासिल करने होते है।
कांग्रेस के संविधान के अनुसार अगर कोई भी उम्मीदवार पहले वरीयता वोटों में 50% से अधिक मत नहीं पाता, तो ऐसे में दूसरी प्राथमिकताओं की मतगणना की जाती है। वहीं इसके अलावा CWC के पास अस्थाई अध्यक्ष चुनने की भी शक्तियां होती हैं। चुना गया नया अध्यक्ष AICC के पूर्ण सत्र में प्रभार ग्रहण करता है। कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल पांच सालों का होता है।