गाजियाबाद से एक बड़ी खबर सामने आई है और ये खबर डीएम सर्किल रेट के बढ़ने को लेकर है जिसकी वजह से 1702 दुकानों का किराया बोज बढ़ने वाला है. दरअसल, गाजियाबाद नगर निगम ने डीएम सर्किल रेट बढ़ाने के बाद हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं इस वजह से साढ़े 6 लाख करदाताओं पर बोझ बढ़ गया है जिसके बाद अब दुकानवालों को डीएम सर्किल रेट से कई गुना अधिक टैक्स देना होगा.
अप्रैल से जारी होंगे नोटिस
जानकारी के अनुसार, नगर निगम ने संपत्ति कर नियमावली 2000 को गाजियाबाद में भी लागू करने का निर्णय लिया है. वहीँ अब इस नियमावली के तहत लोगों को वर्ष 2018 के डीएम सर्किल रेट के आधार पर हाउस टैक्स चुकाना होगा. वहीं इस मामले पर अप्रैल से लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे.
दरअसल, निगम तीन साल से डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स वसूलने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बोर्ड से इसकी अनुमति नहीं मिल रही थी. क्योंकि यह प्रस्ताव बोर्ड में पास नहीं हुआ था. वहीं अब नए बोर्ड गठन होने के बाद निगम ने फिर से डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी कर दी है और अब अप्रैल से लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे.
अब ज्यादा देना होगा टैक्स
रिपोर्ट के अनुसार, निगम कारपेट एरिया के हिसाब से अधिकतम 2.41 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से टैक्स वसूलता है. नई पॉलिसी के तहत टैक्स की अधिकतम दर चार रुपये प्रति वर्ग फुट प्रस्तावित है. इसके लिए शहर को ए,बी और सी श्रेणी में बांटा है. यानी कविनगर, राजनगर,कविनगर और गोविंदपुरम जैसी पॉश कॉलोनियों में हाउस टैक्स का सबसे ज्यादा बोझ बढ़ेगा.
वहीं अब नियमावली के लागू होने के बाद माता और रोजी जैसी कम सुविधाएं वाली कॉलोनियों के लोगों को पॉश इलाके के बराबर हाउस टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन उन पर भी बोझ बढ़ जाएगा. वहीं, खाली संपत्ति से भी टैक्स लिया जाएगा. इसी के साथ मेयर सुनीता दयाल ने डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स बढ़ाने की तैयारी का विरोध किया है. मेयर ने बताया पिछले वर्ष 2023-24 में 10 फीसदी हाउस टैक्स बढ़ाया गया है. इस वर्ष से फिर से हाउस टैक्स में बढ़ोतरी करना न्याय संगत नहीं है. शहर के लोगों पर अधिक भार डालना ठीक नहीं है. किसी भी स्थिति में डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स नहीं बढ़ने दिया जाएगा. वहीं, पूर्व पार्षद मुकेश गर्ग और मनोज चौधरी ने विरोध जताया है.
ए-श्रेणी में शामिल कॉलोनियां
राजनगर, कविनगर, राजनगर एक्सटेंशन, शास्त्री नगर, वसुंधरा, वैशाली, चिरंजीव विहार, अवंतिका, इंदिरापुरम, नवयुग मार्केट, पार्श्वनाथ पैराडाइज, गोविंदपुरम, विवेकानंद नगर, लोहा मंडी, कविनगर औद्योगिक क्षेत्र, कमला नेहरू नगर, संजय नगर सेक्टर-23, लोहिया नगर, कौशांबी, शालीमार गार्डन, राजेंद्र नगर,
श्यामपार्क एक्सटेंशन, गांधी नगर, तुराबनगर, सूर्यनगर, रामपुरी, रामप्रस्थ, चंद्रनगर, शिप्रा सनसिटी, मॉडल टाउन, नेहरू नगर, आदित्य वर्ल्ड सिटी, कर्पूरीपुरम, स्वर्णजयंती पुरम, क्रॉसिंग रिपब्लिक, सीमांत विहार, बाग वाली कॉलोनी, पटेल नगर, विजयनगर से.-9 एच, जे व के ब्लॉक आदि.
बी श्रेणी की कॉलोनियां
पुराना विजयनगर, सेक्टर-12 स्थित ए, बी, सी व डी ब्लॉक, नंदग्राम ए, सी, डी, ई ब्लॉक, साईं एंकलेव, लक्ष्मी विहार, मालीवाड़ा, डासना गेट, हरदेव सहाय, सर्वोदय नगर, हिंडन विहार, मुकुंदनगर, बौंझा, पटेल मार्ग, पंचवटी, अंबेडकर नगर, सुंदरपुरी, भूड़ भारत नगर, महिंद्रा एंकलेव, कोटगांव, आर्य नगर, मवई, शिवपुरी, नई बस्ती, दिल्ली गेट, पुरानी तहसील, चंद्रपुरी आदि कॉलोनी शामिल होंगी.
सी श्रेणी में रखी गईं कॉलोनियां
कृष्णा नगर, बागू, भीमनगर, सिद्धार्थ विहार, राहुल विहार, माता कॉलोनी, रोजी कॉलोनी, संघर्ष कॉलोनी, गगन विहार, विकलांग कॉलोनी, सुदामापुरी, बारादरी, दीनागढ़ी, प्राण गढ़ी, रामागढ़ी, शिब्बनपुरा, पप्पू कॉलोनी, दीनदयालपुरी, उत्तरांचल नगर, बालूपुरा, कालकागढ़ी, प्रेमपुरी, पच्छादान, जटवाड़ा, गढ़ी, मोरटा,
मिलक, दुहाई, सेवानगर, रजापुर गांव, भोपुरा, तुलसी निकेतन, राजीव नगर, भोवापुर, लोहारपुरा, दौलतपुरा, जयप्रकाश नगर, कैलाश नगर, कैला खेड़ा, नायफल, बयाना, काजीपुरा, महरौली, शंकर विहार, माधोपुरा, गऊपुरी, राजीव कॉलोनी, कृष्णा विहार कुटी, सदरपुर गांव, सिहानी आदि कॉलोनी सी श्रेणी में हैं.
Also Read- क्या है दूधेश्वरनाथ मंदिर का इतिहास, जिसके ऊपर अब रखा जाएगा गाजियाबाद का नाम.