बिहार में कोरोना की दूसरी लहर से तबाही मची हुई है। हालात खराब होते जा रहे हैं। विपक्षी पार्टियों की ओर से सरकार की नीतियों को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। बिहार में मौजूदा समय में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। जिसमें बीजेपी, जदयू और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां शामिल है।
इसी बीच बिहार सरकार में शामिल जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) की ओर से चुनाव के दौरान किए गए वादों को लेकर नीतीश सरकार पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। वह पब्लिक प्लेटफॉर्म पर अपनी बातों को रखकर सरकार को अपनी पार्टी के वादे याद दिला रहे हैं।
5000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की मांग
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, वित्तीय संकट से जूझ रहे बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए उनकी पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि हमारी सरकार बनी तो 5000 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। मेरा अनुरोध है कि सीएम नीतीश प्रदेश के बेरोजगार युवक और युवतियों को बेरोजगारी भत्ता दें।
जीतन राम मांझी ने यह मांग ऐसे समय में उठाई है जब हर कोई कोरोना महामारी से जूझ रहा है। सरकार बनने के बाद कई बार मांझी कई मुद्दों पर नीतीश सरकार को निशाने पर ले चुके हैं। इससे पहले जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव की गिरफ्तारी को लेकर भी उन्होंने नीतीश सरकार पर सवाल उठाए थे। सरकार को उनके सवाल चुभने वाले रहे हैं।
हम पार्टी ने बिहार चुनाव में किए थे ये वादे
बता दें, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ने नीतीश कुमार के प्रति अपनी आस्था जताई थी और एनडीए गठबंधन में शामिल हो गई थी। अब सरकार बनने के बाद हम पार्टी चुनाव के दौरान किए गए अपने वादों और एजेंडे को सरकार के सामने रख रही है।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में हम पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कई बड़े वादे किए थे। जिसमें सरकार बनने पर यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में सरकार द्वारा मुफ्त वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने, विशेष बस सेवा शुरु करने, हर जिले में ब्लड बैंक की स्थापना करने और एक सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल का निर्माण कराने जैसे कई बड़े वादे किए थे।