उत्तराखंड के बाद हरियाणा की बीजेपी सरकार पर भी संकट के बादल छाए हुए है। किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा की बीजेपी-जेजपी गठबंधन वाली सरकार खतरे में हैं। हरियाणा विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस की तरफ से बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिस पर चर्चा फिलहाल जारी है। इसके बाद खट्टर सरकार का भविष्य तय होगा।
वहीं इससे पहले मंगलवार को हरियाणा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भावुक होकर सदन में ही रोने लगे थे। ऐसा क्या हुआ, जो हरियाणा के मुख्यमंत्री की आंखों से आंसू झलक आए। आइए आपको इसके बारे में बता देते हैं…
दरअसल, महिला दिवस के दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ट्रैक्टर पर बैठाकर महिला विधायकों द्वारा रस्सी से खींचने के मुद्दे को हरियाणा के सीएम ने विधानसभा में उठाया। वो इसके बारे में बोलते हुए भावुक हो गए और बोले कि मैं बहुत भारी मन के साथ आज एक विषय के बारे में बताना चाह रहा हूं।
खट्टर ने कहा कि पूरी दुनिया में महिला दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा था। विधानसभा में भी पूरे सत्र का संचालन महिलाओं के लिए समर्पित था। जब इस दौरान मैनें टीवी देखा तो पता चला कि बंधुआ मजदूरों से भी बुरा व्यवहार महिलाओं के साथ किया गया। हरियाणा के सीएम ने कहा कि ये देखने के बाद वो पूरी रात सो नहीं पाए।
इसके बाद खट्टर ने हुड्डा पर हमला बोलते हुए कहा कि मान लिया आप महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन अच्छा होगा, अगर महिला विधायक ट्रैक्टर पर बैठी रहती और आप अपने विधायकों के साथ रस्सी खींच रहे होते।
हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी उन पर पलटवार किया। वो बोले कि रसोई गैस समेत दूसरी चीजों की बढ़ती कीमत का दर्द महिलाएं ही महसूस करती हैं। हुड्डा ने कहा कि कृषि कानून के खिलाफ जो महिलाएं दिल्ली के बॉर्डर पर बैठकर प्रदर्शन कर रही है उनकी परेशानियों से सरकार ने आंख मूंद ली हैं।