वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Moshque) के सर्वे का काम आज तीसरे दिन पूरा हो गया। सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि-‘बाबा मिल गए।’ यानी दावा किया गया है कि सर्व के दौरान वहां से कुएं में शिवलिंग मिला। हिन्दू पक्ष की ओर से कहा गया कि सर्वे में ‘काला पत्थर’ मिला जो शिवलिंग हैं। जितना सोचा था, उससे ज्यादा साक्ष्य मिले हैं। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने शिवलिंग के संरक्षण के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिस पर वाराणसी कोर्ट ने डीएम को आदेश दिया कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उसे तत्काल सील कर दें। किसी भी व्यक्ति को वहां जाने न दें।
कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और CRPF को दी है। आपको बता दें कोर्ट ने अपने हिंदू पक्ष के दावे के बाद अपने आदेश में शिवलिंग के आसपास जाने पर रोक लगा दी। वहां वजू पर भी पाबंदी लगाई गई है। बताया जा रहा है कि नंदी के ठीक सामने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वजू खाने में शिवलिंग मिला है। वजू खाने का पहले पानी खाली कराया गया। फिर जैसे ही शिवलिंग मिला, परिसर में हर-हर महादेव का नारे लगने लगे।
मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष का दावा नकारा
हालांकि मुस्लिम पक्ष इस दावे को पूरी तरह से नकार रहा है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में ऐसा कुछ नहीं मिला है जिसका दावा हिंदू पक्ष कर रहा है। इस दावे और उसके खिलाफ प्रतिदावे के बीच कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए शिवलिंग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। प्रशासन ने भी ऐसे दावे से पल्ला झाड़ते हुए लोगों से अपील की कि वो सिर्फ अधिकारिक बयान पर ही ध्यान दें। प्रशासन की ओर कहा गया कि यदि किसी भी पक्षकार ने अपनी निजी इच्छा से कोई बात बताई है तो ये उसका निजी विचार है।
सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के खिलाफ मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल 17 मई को सुनवाई भी होनी है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी। ज्ञानवापी विवाद मामले में याचिकाकर्ता अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने ज्ञानवापी में सर्वे पर रोक लगाने की मांग की है।
उत्तरप्रदेश के डिप्टी सीएम का बड़ा बयान
ज्ञानवापी मामले में UP के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने एक बड़ा बयान देते हुए ट्वीट कर कहा कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान बुद्ध पूर्णिमा के खास अवसर पर बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।
ज्ञानवापी मस्जिद केस में वाराणसी लोअर कोर्ट का फैसला
ज्ञानवापी केस (Gyanvapi case) में वाराणसी लोअर कोर्ट ने 12 मई को अपना फैसला सुनाया था। इस फैसले को देने से पहले ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) को लेकर नए सिरे से कोर्ट में बहस शुरू हुई थी। ज्ञानवापी मामले में वाराणसी लोअर कोर्ट ने सर्वे कमिश्नर को बदलने की मांग को खारिज कर दिया था। कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका लगा था। ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने सर्वे कमिश्नर अजय मिश्र नहीं हटाए जाने की बात कही थी। कोर्ट ने दो और सहायक कमिश्नर नियुक्त किए थे। अजय मिश्र के साथ विशाल सिंह को सहायक कमिश्नर नियुक्त किया गया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर में 17 मई से पहले सर्वे किया जाएगा। पूरे इलाके की वीडियोग्राफी होगी। सर्वे के दौरान दोनों पक्ष के लोग मौजूद रहेंगे। सर्वे का विरोध करने वालों पर मुकदमा दर्ज होगा। कोर्ट ने ये भी कहा था कि 17 मई से पहले कार्रवाई को पुख्ता करें। कमीशन की कार्रवाई में बाधा नहीं आनी चाहिए।