यूपी में वाराणासी स्थित ज्ञानवापी मामला सुर्खियों में बना हुआ है। अब इस मामले पर ज्ञानवापी वीडियोग्राफी करने वाले जज को धमकी मिली है। जिसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई है। हालांकि धमकी देनेवाले को लेकर जांच की जा रही है।
दरअसल, जज रवि कुमार दिवाकर ने धमकी भरे लेटर मिलने की बात अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त वाराणसी को इस बारे में तलब किया। जज रवि कुमार दिवाकर ने अफसरों को भेजे पत्र में लिखा कि उन्हें ये लेटर ‘इस्लामिक आगाज़ मूवमेंट’ की ओर से काशिफ अहमद सिद्दीकी ने भेजा है। इसके अलावा पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि जज को रजिस्टर्ड डाक की ओर से एक लेटर मिला, जिसमें कुछ और कागजात भी मिले है। जिसके बाद वाराणसी के पुलिस उपायुक्त वरुणा को इस मामले की जांच सौंप दी गई है।
बता दें कि आयुक्त ए सतीश गणेश जज रवि कुमार दिवाकर की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। जिसके बाद जज को भेजा गया लेटर सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है। इस लेटर में लिखा गया है कि “अब जज भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं। फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को खुश करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं। आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं। आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण मिला है। फिर आपकी पत्नी और माता श्री को डर कैसा है…?”
इसके साथ ही धमकी भरे लेटर में ये भी लिखा है कि “आज कल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे।”
बता दें कि जज ने 26 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वे कराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद इसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई औऱ वहां वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया।