हाल ही में गुजरात में 5 साल से चल रही एक फर्जी अदालत का पर्दाफाश (Gujarat become hub of fraud) हुआ, जिससे लोग हैरान रह गए। हालांकि, यह पहली घटना नहीं है जब राज्य में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और जालसाजी का पर्दाफाश हुआ हो। इससे पहले भी गुजरात में नकली नोट, नकली आईएएस अधिकारी, नकली आईपीएल और नकली आईटी/ईडी समेत धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों ने आम जनता ही नहीं बल्कि प्रशासन को भी हिलाकर रख दिया है।
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फर्जी करेंसी का मामला– Gujarat Fake Currency
इस साल सितंबर में गुजरात के अहमदाबाद में नकली नोटों (Gujarat fake currency) का इस्तेमाल करके असली सोना खरीदने का एक बड़ा मामला सामने आया। जालसाजों और एक बड़े सर्राफा व्यापारी ने 2100 किलो सोना बदलने पर सहमति जताई। इसके बाद उन्होंने सर्राफा व्यापारी को नकली नोट थमा दिए। इन नोटों पर अनुपम खेर ने गांधीजी और बापू की तस्वीर छापी थी।
फर्जी IAS अधिकारी- Gujarat fake IAS
इसी साल गुजरात में एक व्यक्ति के फर्जी IAS अधिकारी बनकर काम करने का मामला भी सामने आया था। यह व्यक्ति लंबे समय से विभिन्न सरकारी विभागों और अधिकारियों को धोखा दे रहा था। वह अपनी पहचान को छिपाकर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाता था और रसूखदार पदों पर बैठा हुआ था। बाद में इस धोखेबाज की असलियत का खुलासा हुआ और उसे गिरफ्तार किया गया। इस घटना ने प्रशासनिक तंत्र में सुरक्षा और पहचान सत्यापन की प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए थे।
फर्जी IPL का मामला- Gujarat fake IPL
2022 में गुजरात के मेहसाणा जिले में एक फर्जी IPL का मामला उजागर हुआ था, जिसने देशभर में हलचल मचा दी थी। इस फर्जी आईपीएल में नकली खिलाड़ी, नकली अंपायर, और यहां तक कि नकली दर्शक भी शामिल थे। लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से रूस के सट्टेबाजों को धोखा देने का प्रयास किया गया था। इस फर्जी आईपीएल की चालाकी से बनाई गई लीग में असली IPL जैसा माहौल बनाने की पूरी कोशिश की गई थी। पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश किया और कई आरोपी गिरफ्तार हुए, जिसमें आयोजक और सट्टेबाज शामिल थे।
फर्जी IT और ED अधिकारियों का खुलासा- Gujarat fake ED
गुजरात में फर्जी इनकम टैक्स (IT) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) अधिकारियों का मामला भी चर्चा में रहा है। फर्जी IT/ED अधिकारी बनकर कई लोग व्यापारियों और उद्यमियों को ठग रहे थे। ये लोग छापेमारी के नाम पर लोगों को डराते थे और उनसे भारी रकम वसूलते थे। इन फर्जी अधिकारियों ने लोगों से करोड़ों की रकम ऐंठी थी। गुजरात पुलिस की कार्रवाई के बाद इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ और आरोपियों को हिरासत में लिया गया।
फर्जी कोर्ट का भंडाफोड़- Gujarat fake court
ताजा मामला फर्जी कोर्ट का है, जहां पर नकली जज, वकील और पूरा न्यायिक तंत्र चल रहा था। यह कोर्ट 5 साल से काम कर रहा था, जिसमें कई लोग न्याय की उम्मीद लेकर आते थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस कोर्ट में सारे दस्तावेज, मुहरें और अन्य सामग्री फर्जी थी। अदालत के नाम पर लोगों को धोखे में रखकर उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी। इस मामले में भी पुलिस ने कार्रवाई की और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गुजरात के अहमदाबाद में वकील साब ने खुद को ही जज घोषित कर लिया।
फर्जी अदालत बनाई, बाकायदा कोर्ट की कार्यवाही चलाई और सरकारी जमीन पर फर्जी आदेश जारी कर दिया।
पुलिस ने ‘जज साब’ को धर लिया है। अब जेल में फैसला सुनाएंगे … 😀 pic.twitter.com/JnFRfQYj6x
— Vinay Saxena (@vinaysaxenaj) October 22, 2024
इन घटनाओं से गुजरात को लेनी चाहिए सीख
गुजरात में लगातार सामने आ रही इन धोखाधड़ी की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक ढांचे और पहचान सत्यापन प्रक्रियाओं को मजबूत करने की आवश्यकता को उजागर किया है। सरकार और एजेंसियों को अब और भी अधिक सतर्क रहना होगा ताकि समय रहते ऐसे अपराधों को रोका जा सके और आम जनता के हितों की रक्षा की जा सके।
फर्जी अदालतें, नकली नोट, नकली अधिकारी और अन्य प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन के लिए धोखाधड़ी के ऐसे मामलों से सख्ती से निपटना और कानून व्यवस्था को मजबूत करना बहुत जरूरी है।
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