महाराष्ट्र की उद्धव सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच टकराव की बात कोई नई तो है ही नहीं। जब से ही राज्य की सत्ता में ठाकरे सरकार आई, तब से ही सरकार का किसी ना किसी मुद्दे पर राज्यपाल के साथ आमना सामना होता ही रहता है। हाल ही में स्पीकर के चुनाव को लेकर भी सरकार और राज्यपाल में टकराव की स्थिति बनी हुई है।
इस बीच मंगलवार को ने विधानसभा में एक विधेयक पारित हो गया, जो राज्य में राज्यपाल की शक्तियों को कहीं ना कहीं कम करेगा। जानकारी के अनुसार उद्धव सरकार की तरफ से विधानसभा में जो विधेयक पारित कराया गया, उससे राज्यपाल की वो शक्तियां कम हो जाएगीं, जिससे वो विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर की नियुक्ति करते हैं। विधेयक के पारित होने के बाद राज्यपाल की चांसलर के रूप में शक्तियां कम हो जाएगीं।
दरअसल, इस विधेयक को पिछले हफ्ते ही उद्धव सरकार ने कैबिनेट से मंजूर कर दिया था। इसके बाद इसे विधानसभा में पेश किया गया। अब विधानसभा से भी विधेयक पारित हो गया। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने जो विधेयक पास कराया है, उसमें राज्यपाल की शक्तियों को कम करने का प्रस्ताव है। इसके लागू होने से राज्य सरकार की ओर से संचालित विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल की भूमिका कम होगी।
गौरतलब है कि जैसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी का चांसलर राष्ट्रपति होता है, वैसे ही राज्य के सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों का चांसलर राज्यपाल होता है।
वैसे महाराष्ट्र ऐसा इकलौता राज्य नहीं जहां राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तनातनी बनी रहती हो। इसके अलावा भी कई राज्यों में ऐसा देखने को जगदीप धनखड़ के बीच टकराव देखने को अक्सर ही मिलता ही रहता है।