केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान जुटे हुए हैं। आंदोलन (Farmers Protest) करीब 120 दिनों से चल रहा है। अभी तक 250 से ज्यादा किसानों के मौत की खबर भी सामने आई है। किसान लगातार सरकार से इन कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग करते आ रहे हैं।
दूसरी ओर सरकार ने स्पष्ट रुप से कहा है कि किसी भी हालत में कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya pal Malik) काफी पहले से ही किसान आंदोलन का समर्थन करते आ रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कई बार केंद्र सरकार को निशाने पर भी लिया है। इसी बीच उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी पर हमला बोला है।
कुतिया के मरने पर शोक संदेश देते हैं नेता…
राजस्थान के झुंझुनू में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya pal Malik) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा किसान आंदोलन का इतना लंबा चलना किसी के हित में नहीं है। राज्यपाल मलिक ने कहा, कुतिया भी मर जाती है तो उसके लिए हमारे नेताओं का शोक संदेश आता है लेकिन 250 किसान मर गए, कोई बोला तक नहीं। मेरी आत्मा को दर्द देता है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जो हल ना हो सके। बहुत दूरी नहीं है, मामला निपट सकता है।
…बिचौलिया बन कर काम नहीं कर सकता
मीडिया को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा, MSP ही मुद्दा है। यदि MSP को लीगलाइज कर देंगे तो आसानी से यह मुद्दा हल हो जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि देशभर के किसानों के बीच यह मुद्दा बन चुका है। ऐसे में इसे जल्द हल करना चाहिए।
खबरों के मुताबिक एक सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, मैं संवैधानिक पद पर हूं, बिचौलिया बन कर काम नहीं कर सकता। मलिक ने कहा, मैं सिर्फ सलाह दे सकता हूं, किसान नेताओं को और सरकार के नुमांइदों को, मेरा सिर्फ इतना सा ही रोल है।
इससे पहले भी बोल चुके हैं हमला
बता दें, इससे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यूपी के बागपत में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान आंदोलन को लेकर सरकार को निशाने पर लिया था। तब उन्होंने कहा था कि जिस देश का जवान और किसान संघर्षशील होगा वह देश कभी विकास नहीं कर सकता। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों को खाली हाथ न लौटाने का आग्रह किया था। बागपत में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा था कि राज्यपाल का काम चुप रहना, हस्ताक्षर करना और आराम करना होता है लेकिन मेरे से चुप नहीं रहा जाता। इसलिए किस दिन मेरी छुट्टी हो जाए पता नहीं।