भारत सरकार और ट्विटर के बीच की तकरार गहराती ही चली जा रही है। किसान आंदोलन को लेकर खालिस्तानी समर्थकों के ट्विटर अकाउंट पर एक्शन लेने की मांग सरकार द्वारा की गई थी। जिनमें से कुछ पर तो ट्विटर ने एक्शन लिया। लेकिन कई अकाउंट्स पर अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।
ट्विटर ने नहीं किया ऐसा तो…
ट्विटर द्वारा की गई इस आधी-अधूरी कार्रवाई से भारत सरकार खुश नहीं है। सरकार ने ये साफ कर दिया है कि अकाउंट्स पर बैन लगाने के लिए जो लिस्ट ट्विटर को सौंपी गई थी, उसके साथ कोई भी ढील बरतने के लिए वो तैयार नहीं। ‘किसान नरसंहार’ जैसे हैशटैग चलाने वाले और भड़काऊ कंटेंट का प्रसार करने वाले अकाउंट्स को बंद करना ही पड़ेगा। खबर ये भी आ रही है कि भारत में ट्विटर के टॉप अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
ट्विटर ने 500 से ज्यादा अकाउंट्स पर लिया एक्शन
दरअसल, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोमवार को ट्विटर को 1178 अकाउंट्स बंद करने की एक लिस्ट सौंपी थीं। सरकार के मुताबिक ये अकाउंट कथित तौर पर पाकिस्तान और खालिस्तानी समर्थकों से जुड़े हुए हैं। सरकार ने ये दावा किया कि इन अकाउंटेस के जरिए ट्विटर पर किसान आंदोलन को लेकर ‘भ्रामक एवं भड़काऊ सामग्री’ प्रसारित कर रहे हैं।
भारत सरकार की इस मांग पर ट्विटर ने एक्शन लिया और 500 से अधिक अकाउंट्स पर रोक लगाई। हालांकि ट्विटर ने समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों और मीडिया के ट्विटर हैंडल पर कार्रवाई नहीं की। ट्विटर ने इस पर कहा कि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा। जिस पर सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि IT एक्ट की धारा 69ए के तहत आदेश का पालन नहीं करने पर उनके धैर्य अब जवाब देने लगा है।
…तो ट्विटर अपना रहा अलग रवैया?
गौरतलब है कि बुधवार को केंद्रीय IT सचिव अजय प्रकाश साहनी और ट्विटर के अधिकारियों मोनिक मेशे और जिम बेकर के बीच वर्चुअल बातचीत हुई। जिस दौरान साहनी ने ये स्पष्ट किया कि विवादित हैशटैग्स का इस्तेमाल ना तो पत्रकारीय स्वतंत्रता में आता है और ना ही अभिव्यक्ति की में। क्योंकि इस तरह का गैर जिम्मेदार कंटेंट भड़काने का काम कर सकता है और स्थिति को और गंभीर बना सकता है। साहनी ने इस दौरान अमेरिका के कैपिटल हिल और लाल किले की घटना का जिक्र किया और कहा कि ट्विटर अलग-अलग रवैया अपना रहा है।
इस बैठक में कहा गया कि अमेरिका में कैपिटल हिल पर हुई हिंसा के बाद ट्विटर ने कई अकाउंट को बंद किया, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट भी शामिल था। लेकिन 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद ट्विटर ने एक्शन क्यों नहीं लिया। खबरों के मुताबिक सरकार की ओर से साफ किया गया कि ट्विटर को उनके आदेशों का पालन करना ही पड़ेगा। ये बातचीत का मामला नहीं। ये देश का कानून है और उनकी ओर से उठाए कदमों से अगर कोई दिक्कते हैं तो वो कानूनी रास्ता भी अपना सकता है।’
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सरकार के इस आदेश को लेकर ट्विटर अब कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। ट्विटर का कहना है कि वो अपने यूजर्स की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करना जारी रखेगा।
‘कू’ ऐप हो रहा पॉपुलर
गौरतलब है कि जहां ट्विटर और भारत सरकार के बीच इस मसले को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है। वहीं इसी बीच एक ऐप सुर्खियों में आ गई है, जिसका नाम है ‘कू’। कू ऐप को भारत में ट्विटर पर विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार के कई मंत्रियों और सितारों ने इस ऐप को डाउनलोड किया और लोगों से भी ऐसा करने की अपील की।