नए कृषि कानून के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को 7 महीने पूरे हो चुके हैं। किसान इतने लंबे वक्त से दिल्ली के बॉर्डरों पर जमे हुए हैं। उन्होंने ना तो ठंड की परवाह की और ना ही किसी और चीज की। वो बस एक ही मकसद लेकर आंदोलन करने आए हैं और वो नए कृषि कानून को वापस कराने का है। सरकार के लिए किसानों का ये आंदोलन बड़ी टेंशन की वजह बना हुआ है। तमाम कोशिशों के बाद भी आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
किसानों की सेवा में जुटे थे ढाबे के मालिक
शायद यही वजह है कि सरकार आंदोलरित किसानों की मदद वालों के पीछे पड़ गई है। ऐसा ही कुछ सरकार ने हरियाणा के गोल्डन हट के मालिक के साथ भी किया जा रहा है। गोल्डन हट के मालिक राम सिंह राणा लगातार किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े हैं। वो हर तरह से आंदोलन कर रहे किसानों की सेवा करने में जुटे हैं। वो किसानों के लिए लंगन लगा रहे थे। यही नहीं अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा उनकी सेवा में ही लगा रहे थे। ढाबे के मालिक ने सिंघु/कुंडली बॉर्डर वाले ढाबे को किसानों को ही समर्पित कर दिया था, लेकिन लगता है कि उनको किसानों के प्रति सेवाभाव दिखाना सरकार को रास नहीं आया। इसलिए सरकार ने गोल्डन हट के मालिक की मुश्किलें बढ़ाना शुरू कर दी।
ढाबे पर लिया गया ये एक्शन
सरकार ने उनके कार्रवाई करते हुए कुरुक्षेत्र स्थित गोल्डन हट ढाबे का रास्ता ही बंद कर दिया। जिसकी वजह से ढाबे के मालिक को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नेशनल हाईवे पर स्थित इस ढाबे के कट पर बड़े बड़े पत्थर लगा दिए गए हैं। अक्सर ही लोग यहां पर खाना खाने के लिए रुका करते थे। सरकार ने वहां पर पत्थर लगातार ढाबे आने वाले रास्ते को ही बंद कर दिया। जबसे सरकार ने ये एक्शन लिया है, उनके ढाबे पर कोई आ नहीं पा रहा और काम एकदम चौपट पड़ा हुआ है।
‘मानवता की सेवा करना गुनाह?’
सरकार ने ये एक्शन कुछ दिन पहले लिया था, तब से ही ये मामला सुर्खियों में हैं। दरअसल, ढाबे के मालिक राम सिंह राणा की एक वीडियो सामने आई थीं, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों का साथ देने के लिए सरकार ने उनको परेशान कर रही है। यही नहीं वो ये सबकुछ बताते हुए भावुक हो गए और रोने भी लगे।
गोल्डन हट ढाबे के मालिक राम सिंह राणा की जो वीडियो सामने आई थीं, उसमें वो कहते हुए नजर आ रहे कि सरकार ने इस कट को बंद करके उनकी ‘रीढ़ की हड्डी’ तोड़ दी। ढाबे के मालिक ने कहा था कि किसानों की मदद करने के लिए सरकार ने हमें इनाम दिया। इस दौरान वो भावुक ये भी कहने लगे कि जितने भी पैसे मेरे पास सारे सेवा में लगा दिए। चाहे कुछ भी हो जाए, सेवा मैं रुकने नहीं दूंगा। क्या मानवता की सेवा करना मेरा गुनाह है?
ढाबे के मालिक के समर्थन में एकजुट हुए किसान
रोते हुए उनका वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद तमाम किसान गोल्डन हट ढाबे के मालिक के समर्थन में आ गए और उनका साथ देते हुए सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन भी करने लगे।
किसानों का आरोप है कि सरकार ने सोची-समझी साजिश के तहत गोल्डन हट जाने वाले रास्ते को बंद किया। इस वजह से किसानों ने बीते बुधवार को इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया था। इसके अलावा तमाम किसान नेता ढाबे के मालिक के समर्थन में खड़े हुए नजर आ रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- “गोल्डन हट ढाबा के मालिक राणा ने किसानों के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया। सरकार इतना समझ ले कि ये किसान का ढाबा है। इसके साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
यही नहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल भी ढाबे के मालिक का हौसला बढ़ाने के लिए उनसे मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े लोगों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। साथ में इस दौरान उन्होंने राम सिंह राणा के परिवार को हर तरह की सुरक्षा देने की भी बात कही।
किसानों ने सरकार से गोल्डन हट ढाबे के कट को जल्द से जल्द खोलने को कहा है। उनका कहना है कि अगर कट नहीं खोला गया, तो 2 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा बैठक बुलाकर आगामी कार्रवाई की रणनीति बनाएगा।