Google Map and Assam Police: असम में एक पुलिस टीम को गूगल मैप की गलती के चलते नगालैंड में अप्रत्याशित परिस्थिति का सामना करना पड़ा। यह टीम आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी, लेकिन गूगल मैप्स के निर्देशों का पालन करते हुए रास्ता भटककर नगालैंड के मोकोकचुंग जिले में प्रवेश कर गई। स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में देखकर उन्हें बदमाश समझ लिया और उन पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस टीम को बंधक बना लिया गया।
गूगल मैप्स की गलती से सीमा पार- Google Map and Assam Police
मामला तब शुरू हुआ जब असम पुलिस की 16 सदस्यीय टीम जोरहाट जिले से एक आरोपी को पकड़ने के लिए रवाना हुई। टीम ने गूगल मैप्स के निर्देशों के आधार पर रास्ता चुना, जो उन्हें अनजाने में नगालैंड की सीमा के भीतर ले गया। जिस चाय बागान क्षेत्र में टीम पहुंची, वह नक्शे पर असम का हिस्सा दिख रहा था, जबकि वास्तव में वह नगालैंड में स्थित था।
सिविल ड्रेस ने बढ़ाई मुश्किलें
पुलिस टीम में से केवल तीन लोग वर्दी में थे, जबकि बाकी सादे कपड़ों में थे। स्थानीय लोगों ने उन्हें अत्याधुनिक हथियारों से लैस देखकर उनकी नीयत पर शक किया। इस भ्रम में उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने पांच पुलिसकर्मियों को तुरंत रिहा कर दिया, जबकि बाकी 11 पुलिसकर्मियों को रातभर बंधक बनाकर रखा गया।
नगालैंड प्रशासन की मदद से समाधान
घटना की जानकारी मिलते ही जोरहाट पुलिस ने नगालैंड के मोकोकचुंग पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया। नगालैंड पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए असम पुलिस टीम को बचाने के लिए कार्रवाई की। स्थानीय लोगों को जब यह एहसास हुआ कि वे असम पुलिस के जवान हैं और बदमाश नहीं, तो उन्होंने अगले दिन सुबह बाकी पुलिसकर्मियों को भी रिहा कर दिया।
पूरी टीम सुरक्षित लौटी
इस पूरी घटना के बाद असम पुलिस की टीम सुरक्षित रूप से जोरहाट लौट आई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना मंगलवार रात हुई और यह गूगल मैप्स की गलती के कारण हुई थी। इस घटना से सीमाई क्षेत्रों में सटीक मार्गदर्शन और आपसी समझ की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
सीमाई क्षेत्रों में बढ़ती संवेदनशीलता
यह घटना सीमावर्ती क्षेत्रों में भ्रम और गलतफहमी की गंभीरता को उजागर करती है। स्थानीय जानकारी के बिना गूगल मैप्स जैसे तकनीकी उपकरणों पर अत्यधिक निर्भरता खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है। इस घटना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस समन्वय और जागरूकता की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया है।
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