देश की बड़ी कंपनियों में रिलायंस, टाटा, वाडिया और गोदरेज (Godrej Group) का भी अच्छा नाम है। भारत की आजादी से पहले जब भी व्यापारिक घरानों का जिक्र होता है तो उसमें गोदरेज परिवार का नाम भी आता है। इस परिवार का कारोबार रियल एस्टेट से लेकर कंज्यूमर प्रोडक्ट्स तक फैला हुआ है। लेकिन अब 127 साल पुराने इस परिवार में बंटवारा हो गया है और गोदरेज ग्रुप का कारोबार दो हिस्सों में बंट गया है। भारत के कई कॉरपोरेट घरानों के बीच बंटवारे की लिस्ट में गोदरेज परिवार का नाम भी जुड़ गया है। गोदरेज ग्रुप ने स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दी है।
बंटवारे में किसे क्या मिलेगा?
30 अप्रैल को स्टॉक एक्सचेंज के साथ साझा किए गए समझौते के मुताबिक, गोदरेज परिवार ने अपने बिजनेस ग्रुप को दो हिस्सों में बांटने का समझौता किया है। इस फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट (FSA) में कहा गया है, “परिवार के विभिन्न सदस्यों के बीच आपसी सम्मान, सद्भावना, सौहार्द और सद्भाव बनाए रखने के लिए एक समझौता हुआ है, जिस पर सभी ने सहमति जताई है।”
अब अगर गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह में सूचीबद्ध कंपनियों की बात करें तो भारतीय शेयर बाजार में गोदरेज ग्रुप की 5 कंपनियां लिस्टेड हैं। इनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज शामिल हैं। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स सूचीबद्ध कंपनियों में सबसे बड़ी है, जिसका बाजार पूंजीकरण 30 अप्रैल तक 1.26 लाख करोड़ रुपये है। वहीं, इन सभी कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 200000 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अध्यक्ष नादिर गोदरेज होंगे और इसका नियंत्रण आदि गोदरेज, नादिर और परिवार द्वारा किया जाएगा। आदि के 42 वर्षीय बेटे पिरोजशा गोदरेज गोदरेज इंडस्ट्रीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष होंगे। वे अगस्त 2026 में नादिर की जगह लेंगे।
चचेरे भाई-बहनों का भी हिस्सा
दूसरी तरफ, उनके चचेरे भाई-बहन जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा को भी हिस्सा दिया गया हैं। फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट के अनुसार, गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप में गोदरेज एंड बॉयस और उसके सहयोगी शामिल हैं, जिनकी एयरोस्पेस और विमानन से लेकर रक्षा, फर्नीचर और आईटी सॉफ्टवेयर तक कई उद्योगों में उपस्थिति है। इसे जमशेद गोदरेज चलाएंगे। उनकी बहन स्मिता की बेटी न्यारिका होल्कर इसकी कार्यकारी निदेशक होंगी। गौरतलब है कि विक्रोली मुंबई का उपनगर है और गोदरेज एंड बॉयस की 3,400 एकड़ जमीन में से 1,000 एकड़ जमीन विकसित की जा सकती है। यहां जमीन की कीमत आसमान पर है।
1897 से देश के निर्माण में योगदान
बंटवारे के बाद, नादिर गोदरेज ने कहा कि गोदरेज की स्थापना 1897 में भारत को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करने के लिए की गई थी। हम व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस विरासत को आगे बढ़ाने की आशा रखते हैं। वहीं, चचेरे भाई जमशेद गोदरेज का कहना है कि गोदरेज एंड बॉयस हमेशा एक राष्ट्र स्थापित करने की जबरदस्त इच्छा से प्रेरित रहा है। इस पारिवारिक समझौते के साथ, हम इसके विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे।
और पढ़ें: कौन हैं भारत की ‘ट्रैक्टर क्वीन’ मल्लिका श्रीनिवासन, अपने दम पर खड़ा किया 10 हज़ार करोड़ का साम्राज्य