एक समय था जब लोग अपनी आजीविका के लिए पशुपालन करते थे और गाय, भैंस और बकरियां भी रखते थे और उनका दूध और घी बेचकर पैसे कमाते थे। लेकिन बदलते समय के साथ लोगों ने गाय और भैंसों के साथ-साथ घोड़े भी पालने शुरू कर दिए हैं, जिसे स्टड फार्मिंग कहा जाता है। स्टड फार्मिंग आज के समय में एक अच्छा निवेश व्यवसाय है, जहां अगर आप दो घोड़े खरीदकर भी अपना स्टड फार्म शुरू करते हैं, तो आप बहुत पैसा कमा सकते हैं, जैसे पंजाब के बठिंडा के रामसरा गाँव की मुस्कान, मुक्तसर की कोमलप्रीत और हरियाणा की खुशी कमा रही हैं। ये तीनों लड़कियां आज स्टड फार्मिंग के ज़रिए बहुत अच्छी कमाई कर रही हैं।
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पापा को देखकर शुरु किया मुस्कान ने बिजनस
पंजाब के बठिंडा के रामसरा गांव की मुस्कान अपना खुद का स्टड फार्म चला रही हैं। मुस्कान को इस व्यवसाय का विचार अपने पिता को देखकर आया जो कई साल पहले घोड़े पालते थे, लेकिन बीच में ही किसी कारणवश उन्होंने यह काम छोड़ दिया। लेकिन मुस्कान की इस काम में रुचि पैदा हुई और उन्होंने फिर से यह काम शुरू कर दिया। वह एमबीए कर रही हैं और इसके साथ ही वह घोड़ों की देखभाल भी करती हैं और रेसिंग में भी हिस्सा लेती हैं।
बीबीसी को दिये अपने एक इंटरव्यू में मुस्कान कहती हैं, ‘मेरे पिता को घोड़े पालने का बहुत शौक था। इस वजह से बचपन में ही उनकी दोस्ती इंसानों से ज़्यादा जानवरों से हो गई थी। मेरा जन्म साल 2000 में हुआ था और 2012 तक मैंने घर पर ही घोड़े देखे। लेकिन जब उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं मिला तो मेरे पिता को यह काम छोड़ना पड़ा। फिर उन्होंने कुत्ते और बाद में कबूतर पाल लिए। तो बचपन से ही मैंने घर में जानवर देखे हैं। लॉकडाउन में जब मैं घर आई तो मुझे कोई जानवर नहीं दिखा। मुझे बहुत दुख हुआ। जिस जगह पर हम घोड़े बांधते थे, वह सुनसान थी। आज मेरे पिताजी मेरी मदद करते हैं, लेकिन मैं घोड़ों की देखभाल खुद करती हूँ। साथ ही, मेरा सूट और पेंटिंग का छोटा सा कारोबार है। मैं वहां से होने वाली कमाई का आधा हिस्सा स्टड फार्म में ल्गटाई हूँ।’
मुस्कान की तरह मुक्तसर निवासी कोमलप्रीत भी अपने दादा और पिता के काम को आगे बढ़ा रही हैं।
कौन है कोमलप्रीत?
मुस्कान की तरह कोमल प्रीत भी घोड़ों की खेती करती हैं। उन्हें भी घोड़ों का बहुत शौक है और वे अपने पारिवारिक व्यवसाय को भी आगे बढ़ा रही हैं। घोड़ों और स्टड फार्मिंग के प्रति अपने जुनून के बारे में बात करते हुए मुस्कान कहती हैं, ‘मैं इस क्षेत्र में पाँच साल से हूँ। जब मैं पाँच-छह साल का था, तब मेरे पिताजी मुझे घोड़े की सवारी करवाते थे। तब मुझे यह काम समझ में नहीं आता था, लेकिन जानवरों के प्रति मेरा प्यार बढ़ गया। फिर समय के साथ यह प्यार बढ़ता गया। जब मैं बड़ा हुआ, तो मुझे इस काम का शौक हो गया।’
हरियाणा की खुशी जेलदार भी कर रही स्टड फार्मिंग
पंजाब की तरह हरियाणा के सिरसा जिले में देसूजोधा में रहने वाली खुशी जेलदार भी 2017 से स्टड फार्म चला रही हैं। वह रेसिंग के लिए पंजाब भी जाती हैं। वो कहती हैं, ‘मैं छह साल की थी जब पहली बार घोड़े पर बैठी थी। बचपन से मैंने धीरे धीरे घुड़सवारी सीखी। लेकिन मैंने 2017 में पहली बार घोड़ा खरीदा। घोड़ों की वजह से मैंने कई अवॉर्ड भी जीते हैं।’
आपको बता दें, एक घोड़ी खरीदने के लिए आपको 10 लाख से लेकर 2-3 करोड़ रुपए तक खर्च करने पड़ सकते हैं। स्टड फार्म खोलना महंगा जरूर है लेकिन अगर भविष्य के नजरिए से देखें तो इससे हम दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं।
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